चेन्नई: किन्नरों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कोशिशे की जा रही है। इन कोशिशों में कुुछ लोग इनके साथ है तो कुछ इनके खिलाफ। जो भी हो इससे किन्नरों का उत्थान ही होना है। अब ये भी समाज में अपनी स्थिति को लेकर सजग हो रहे है और अपनी हक के लिए लड़ाई लड़ रहे है। कुछ दिनों पहले खबर आई थी किन्नरों को सिक्थ पैक बैंड बना है और इसके गानों को लोकप्रियता भी मिली। लोगों ने सराहा भी। अब एक खबर चेन्नई से है जहां एक किन्नर पृथिका यशिनी की पुलिस अधिकारी के पद पर नियुक्ति हुई है।
अब तक का पृथिका का सफर
-पृथिका दरअसल प्रदीप कुमार के रूप में जन्मी थी
-लिंग-परिवर्तन ऑपरेशन के बाद पृथिका बनी,
-लेकिन इसके बाद भी सफर काफी मुश्किल भरा रहा
-मद्रास हाईकोर्ट ने भर्ती बोर्ड को यह निर्देश भी दिया है कि वह नियमों में बदलाव करें
-ताकि राज्य पुलिस बल में ट्रांसजेंडरों की भर्ती की जा सके
-कोर्ट से नियुक्ति की अनुमति पाने वाली कम्प्यूटर एप्लिकेशन्स ग्रेजुएट पहले खारिज कर दिया गया।
-दरअसल पुलिस भर्ती बोर्ड के पास न तो तीसरे लिंग के लिए कोई कैटेगरी थी
-न ही ट्रांसजेंडरों को लिखित,शारीरिक और साक्षात्कार परीक्षा में किसी तरह का कोई आरक्षण।
राह नहीं था आसान
-यशिनी ने हार न मानते हुए कई रिट याचिकाएं दाखिल कीं
-जिनकी बदौलत परीक्षा में निर्धारित सीमा को भी पार कर लिया
-उसने सभी शारीरिक परीक्षाएं भी पास कर लीं।
-पृथिका को पुलिस अधिकारी बनने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा।
-कई कानूनी लड़ाईयों के बाद आखिरकार इनकी जीत हुई।
-देश की 25 साल की पृथिका को पहली किन्नर पुलिस अधिकारी होने का अधिकार मिला।
-उनको चेन्नई पुलिस आयुक्त स्मिथ सरन की ओर से नियुक्ति के आदेश मिल गए।
-उनका पुलिस उप-निरीक्षक के लिए 26 फरवरी से प्रशिक्षण शुरू होगा।
आईपीएस बनना चाहती हैं यशिनी
-उसने कहा, ‘देश में पुलिस अधिकारी बनने वाली मैं पहली किन्नर हूं।
- मैं इस नौकरी से बहुत खुश हूं और अच्छा करुंगी।
-उन्होंने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद सपना पूरा हुआ है।
- ये पूरे ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए यह एक नई शुरुआत है
-प्रशिक्षण के बाद महिलाओं के खिलाफ अपराध पर लगाम लगाने पर अपना ध्यान दुंगी।
-वे भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) परीक्षा की तैयारी भी कर रही है।
राज्य सरकार ने भी दिया हक
-हालांकि तमिलनाडु सरकार ने ट्रांसजेंडरों के लिए कॉलेजों के दरवाजे भी खोल दिए हैं
-और उनके कल्याण के लिए कई कदम उठाए जाते रहे हैं
-लेकिन ट्रांसजेंडरों के लिए सरकारी नौकरियों के अवसर अब तक दूर ही रहे हैं।
-वैसे, मदुरै में जिला पुलिस ने दिहाड़ी आधार पर होमगार्ड में ट्रांसजेंडरों की भर्तियां की हैं।