योगी सरकार ने 15 जुलाई से UP में प्लास्टिक बैन का जारी किया आदेश, एक्सपर्ट ये बोले

Update: 2018-07-06 11:41 GMT

लखनऊ: इसे इच्छा शक्ति की कमी नहीं तो और क्या कहेंगे कि यूपी में तीन बार बैन होने वाली प्लास्टिक एक बार फिर से बैन होने जा रही है। इस आदेश के बाद पहले वाली ही स्थिति रहेगी या फिर सचमुच अब प्लास्टिक की झिल्लियों को यूपी से बाहर जाने का समय आ गया है। सूबे के मुखिया का ऐलान हो चुका है कि 15 जुलाई से राज्य में प्लास्टिक के दोने पत्तल कप गिलास और हवा में यत्र तत्र उड़ती दिखायी देने वाली झिल्लियां ये सब प्रदूषण के वाहक राज्य में दिखायी नहीं देंगे।

newstrack.com ने प्लास्टिक के इस्तेमाल और उससे होने वाले नुकसान के प्रति जागरूकता फैलाने वाले कुछ एक्सपर्ट से बात की और उनसे ये जानने कि कोशिश की आखिर क्यों पूर्व में दो बार आदेश जारी करने के बाद भी यूपी मे अभी टीके पूरी तरह से प्लास्टिक पर बैन नहीं लगाया जा सका है।

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क्या कहते है एक्सपर्ट

सी कार्बन संगठन के सेक्रेटरी विजय प्रकाश श्रीवास्तव के मुताबिक यूपी में प्लास्टिक बैन के लिए विलपावर चाहिए। जो कि अभी तक की सरकारों मे देखने को नहीं मिला है। सरकार आदेश तो जारी कर देती है लेकिन उसे सख्ती से लागू करने में दिलचस्पी नहीं दिखाती है। इसी का परिणाम है कि यूपी मे दो बार पहले भी प्लास्टिक बैन का आदेश जारी हो चुका है लेकिन उसका कोई खास असर देखने को नहीं मिला है। अभी भी बड़े ही आसानी से प्लास्टिक से निर्मित वस्तुओं को खरीदा और बेचा जा सकता है।

योगी सरकार ने 15 जुलाई से UP में प्लास्टिक बैन का जारी किया आदेश, एक्सपर्ट ये बोले

नेचर क्लब फ़ाउंडेशन के प्रेसिडेंट अभिषेक दूबे के मुताबिक सरकार को चाहिए कि प्लास्टिक बैन के आदेश को सख्ती से लागू करे। इस आदेश को कभी भी डराकर या धमकाकर लागू नहीं किया जा सकता है। प्लास्टिक बैन को सफल बनाने के लिए लोगों को प्लास्टिक के इस्तेमाल से पर्यावरण, इंसान और जीव -जंतुओं को होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करना होगा। इसके लिए समाज मे जागरूकता कार्यक्रम चलाने की जरूरत है। जिसकी अभी कमी देखने को मिल रही है।

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योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में 15 जुलाई से प्लास्टिक बैन का आदेश जारी कर दिया है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पॉलिसी को यूपी कैबिनेट पहले ही मंजूरी दे चुकी है। हाल ही में महराष्ट्र में हुए प्लास्टिक बैन के बाद अब यूपी प्लास्टिक बैन करने वाला देश का 19वां राज्य बन गया है।

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पॉलिसी के मुताबिक 50 माइक्रॉन से पतली पॉलिथिन का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। आदेश के मुताबिक यदि कोई नियम का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसपर 50 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। योगी आदित्यनाथ ने जनता से अपील की कि सभी इस प्लास्टिक बंदी में सहयोग करें।

उन्होंने कहा कि 15 जुलाई के बाद प्लास्टिक के कप, ग्लास और पॉलिथीन का इस्तेमाल किसी भी स्तर पर न हो, यह सुनिश्चित किया जाए।

अखिलेश सरकार में लगा था प्रतिबंध

दिसम्बर 2015 में अखिलेश सरकार ने पॉलिथिन के कैरीबैग्स पर प्रतिबंध लगाया था। इसके लिए सरकार ने इन्‍वाइरनमेंट प्रटेक्शन ऐक्ट को भी मंजूरी दी थी। ऐक्ट में व्यवस्था थी कि अगर कोई प्रतिबंधित पॉलिथिन का इस्तेमाल करता पाया जाएगा तो उसे छह महीने की सजा और पांच लाख रुपये तक जुर्माना भुगतना पड़ सकता था।

ऐक्ट पर्यावरण विभाग ने बनाया था और इसे लागू करने की जिम्मेदारी संयुक्त रूप से नगर निगम, जिला प्रशासन, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को दी गई थी। हालांकि ऐक्ट में प्रतिबंधित पॉलिथिन की मोटाई 20 माइक्रॉन या उससे कम रखी गई थी, जबकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रतिबंधित पॉलिथिन की मोटाई 50 माइक्रॉन या उससे कम तय की है। इस विरोधाभास और ऐक्ट के क्रियान्वयन के लिए एक एजेंसी न होने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका था।

महाराष्ट्र ने भी किया था प्लास्टिक को बैन

आपको बता दें कि हाल ही में महाराष्ट्र में भी प्लास्टिक और थर्मोकोल पर बैन लगाया गया है। महाराष्ट्र में 250 एमएल पानी की बॉटल पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस प्रतिबंध का पालन नहीं करने वालों को 5,000 रुपये से 25,000 रुपये तक जुर्माना भरना होगा या फिर तीन महीने की सजा हो सकती है।

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