Tripura: BSF के जवानों पर आतंकी हमला, घंटों चली सेना और आतंकियों की मुठभेड़, हथियार चुरा भागे आतंकवादी
Tripura: मंगलवार को त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश इंटरनेशनल बॉर्डर(India-Bangladesh International Border) पर बड़ा हमला हो गया। जिसमें बीएसएफ(BSF) के दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए।
Tripura: त्रिपुरा में बीते दिन भारत-बांग्लादेश इंटरनेशनल बॉर्डर(India-Bangladesh International Border) पर बड़ा हमला हो गया। जिसमें बीएसएफ(BSF) के दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। सीमा के नजदीक मंगलवार को गश्त पर निकले बीएसएफ(BSF) के जवानों को अपना निशाना बनाया। इस दौरान उग्रवादी संगठन नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT) के उग्रवादियों ने अचानक हमला कर दिया। इस हमले में बीएसएफ(BSF) के दो जवान शहीद हो गए। जबकि कुछ घायल हैं।
इस हमले के बारे में भारतीय सीमा सुरक्षा बल ने जानकारी देते हुए बताया कि उग्रवादियों ने राज्य के धलाई जिले में सुबह लगभग साढ़े छह बजे घात लगाकर हमला किया। इस हमले में शहीद हुए कर्मियों में बीएसएफ का एक उपनिरीक्षक भी शामिल है।
घंटों चली मुठभेड़
आगे बीएसएफ ने बताया कि सब इंस्पेक्टर भूरू सिंह और कॉन्सटेबल राज कुमार, बीएसएफ पैट्रोलिंग पार्टी और उग्रवादियों के बीच हुई गोलीबारी में शहीद हो गए। यह मुठभेड़ धलाई में आरसीनाथ बॉर्डर आउटपोस्ट पर मंगलवार की सुबह 6.30 बजे हुई थी। लेकिन घटनास्थल पर मिले खून के निशानों से ये पता चलता है कि उग्रवादियों को भी कई गंभीर चोट आई हैं।
बता दें, यहां पानीसागर सेक्टर में चावमनू थाना इलाके के अंतर्गत आरसी नाथ सीमा चौकी के पास भारतीय सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला किया गया, जिसका सुरक्षा बलों ने मुंह तोड़ जवाब दिया था।
यहां धलाई अगरतला से करीब 94 किमी की दूरी पर स्थित है। यह उत्तरी तथा दक्षिणी हिस्से में बांग्लादेश के बॉर्डर से लगा हुआ है। यहां सीमा पर कई बार उग्रवादी हमले हो चुके हैं।
इस बारे में बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया, 'भीषण मुठभेड़ के दौरान उपनिरीक्षक भूरू सिंह और कॉन्सटेबल राज कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में उनकी मृत्यु हो गई। घटनास्थल पर उपलब्ध खून के नमूनों के अनुसार उग्रवादियों को कथित तौर पर कुछ चोटें आई हैं।
साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हमारे दोनों जवानों ने शहीद होने से पहले पूरी बहादुरी से मुकाबला किया। उग्रवादियों को पकड़ने के लिए इलाके में तलाश अभियान शुरू किया गया है। ये उग्रवादी अपने साथ शहीदों के हथियार भी ले गए।