निष्कासित युवा नेताओं के समर्थन में अखिलेश, कहा- मेरे समर्थन में थे, वापसी पर हो विचार
लखनऊः सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के कुनबे में संग्राम के दौरान 'खेत' रहने वाले युवा नेताओं की वापसी को लेकर अब सीएम अखिलेश यादव और उनके चाचा और यूपी सपा के अध्यक्ष शिवपाल सिंह के बीच नई जंग छिड़ने के आसार हैं। अखिलेश ने मंगलवार को पार्टी से निकाले गए सभी युवा नेताओं की वापसी के लिए जोर लगाया। एक दिन पहले ही उनके एक और चाचा रामगोपाल यादव ने अपने भांजे अरविंद यादव को निकालने को गलत बताया था।
अखिलेश ने क्या कहा?
चार विधान परिषद सदस्यों और फ्रंटल संगठनों के अध्यक्षों की बर्खास्तगी पर अखिलेश चुप रहे थे। मंगलवार को उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेताओं का बहुत अनुभव है। जिन्हें पार्टी से निकाला गया, उन्होंने मेरे समर्थन में नारे लगाए थे किसी का विरोध नहीं किया था। वरिष्ठ इस पर विचार करेंगे कि निष्कासित नेताओं को पार्टी में वापस ले लिया जाए।
रामगोपाल ने क्या कहा था?
बता दें कि अखिलेश से पहले सोमवार को मुलायम के चचेरे भाई और सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने फिरोजाबाद में रोड-शो करके अपने भांजे और एमएलसी अरविंद यादव के निष्कासन के खिलाफ आवाज उठाई थी। अब अखिलेश के बयान के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि चाचा रामगोपाल के साथ अखिलेश के एक सुर की वजह से युवा नेताओं का निष्कासन शायद खत्म हो जाएगा।
किन नेताओं को निकाला गया था?
शिवपाल ने यूपी सपा का अध्यक्ष बनते ही सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के घर के बाहर प्रदर्शन और नारेबाजी करने के आरोप में एमएलसी आनंद भदौरिया, सुनील यादव साजन और संजय लाठर को निकाल दिया था। मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद एबाद, युवजन सभा के बृजेश यादव और छात्रसभा के दिग्विजय सिंह को भी निष्कासित कर दिया गया था।
इसी तरह मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव दुबे भी पार्टी से निकाल दिये गए थे। इसके विरोध में युवा प्रकोष्ठों के एक हजार से अधिक पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया था।