UP Politics News: बिहार की तर्ज पर अखिलेश बनाना चाहते हैं यूपी में महागठबंधन, दिए ये संकेत

UP Politics News Hindi: अखिलेश यादव को लगता है कि कहीं मुस्लिम वोट समाजवादी पार्टी छिटककर इस मोर्चे में न चला जाए। क्योंकि इस मोर्चे में एआईएमआईए शामिल है जिसका नेतृत्व असदुदीन ओवेसी कर रहे हैं।

Published By :  Shivani
Update:2021-08-01 22:41 IST

अखिलेश रथ यात्रा के दौरान (Photo Newstrack)

UP Politics News : पिछले विधानसभा चुनाव में यूपी की सत्ता से हाथ धो चुके समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अगले विधानसभा चुनाव (UP Vidhan sabha Election 2022) में फिर से प्रदेश की सत्ता हासिल करने के लिए चुनावी तैयारियों में जुटे हुए हैं। वह लगातार दूसरी पार्टियों के नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करने के साथ इस बात के लिए प्रयासरत हैं कि अधिकतर छोटे दलों से गठबन्धन कर बिहार की तर्ज पर महागठबंधन बनाया जाए।

इसलिए उन्होंने रविवार को साफ कह दिया कि प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी छोटे दलों के लिए गठबन्धन के रास्ते खुले हुए हैं। यहां तक कि भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए उन्होंने इशारों में बसपा और कांग्रेस के साथ महागठबन्धन की संभावनाओं से इंकार नहीं किया है।

सपा के लिए सबसे बड़ा खतरा

दरअसल, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए सबसे बड़ा खतरा भारतीय समाज पार्टी (सुहेलदेव) से है जिसमें अधिकतर छोटे दल शामिल हैं। अखिलेश यादव को लगता है कि कहीं मुस्लिम वोट समाजवादी पार्टी छिटककर इस मोर्चे में न चला जाए। क्योंकि इस मोर्चे में एआईएमआईए शामिल है जिसका नेतृत्व असदुदीन ओवेसी कर रहे हैं।


हाल ही में बहुजन समाज पार्टी से अलग होकर अपना अलग गुट बनाने वाले नौ विधायक भी नए रास्ते की तलाश में हैं। फिलहाल वह समाजवादी पार्टी के सम्पर्क में हैं और अखिलेश यादव से उनकी मुलाकात भी हो चुकी है। पर इन विधायकों ने समाजवादी पार्टी के सामने अपनी कुछ शर्ते भी रखीं हैं। यदि समाजवादी पार्टी ने उनकी शर्तो को न माना तो संभावना है कि यह सारे विधायक अपना एक अलग दल बना सकते हैं। जबकि बहुजन समाज पार्टी विधानमंडल पद से हटाए गए लाल जी वर्मा और बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर भी नए रास्ते की तलाश में है। यह दोनो नेता नए दल का गठन कर किसी समाजवादी पार्टी के साथ गठबन्धन कर सकते हैं। 

यूपी के छोटे राजनैतिक दल

इस समय यूपी में कई छोटे दल भागीदारी संकल्प मोर्चा के सम्पर्क में हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा का साथ देकर उत्तर प्रदेश की सरकार में शामिल रहे सुहेलदेव समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर अब भाजपा से अलग हो चुके हैं और उन्होंने पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की जनाधिकार पार्टी, कृष्णा पटेल की अपना दल कमेरावादी, बाबू राम पाल की राष्ट्र उदय पार्टी, राम करन कश्यप की वंचित समाज पार्टी, राम सागर बिंद की भारत माता पार्टी और अनिल चौहान की जनता क्रांति पार्टी जैसे दलों को मिलाकर भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाया है।


इस मोर्चे में असदुदीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमईएम) भी शमिल हो चुकी है। जबकि महान दल और भीम आर्मी भी किसी नए रास्ते की तलाश में हैं। वहीं समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपनी अलग पार्टी बनाने वाले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव क चाचा शिवपाल सिंह यादव भी अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी को लेकर भागीदारी संकल्प मोर्चा के अलावा अन्य दलों के सम्पर्क में है। अखिलेश यादव इस बात को लेकर भी चिंतित हैं विपक्ष में विशेष तौर पर कांग्रेस और बसपा समाजवादी पार्टी पर करने का लाभ भाजपा को मिल सकता है।  

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