बेनी वर्मा के बेटे ने कहा- UP में बसपा जीतेगी सभी सीटें, बेनी बोले- सपा होगी नंबर वन

समाजवादी पार्टी की ओर से विधानसभा प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद जो अंतर्कलह शुरू हुआ था वह आज भी थमने का नाम नहीं ले रहा। बाराबंकी में सपा ने पिछले चुनाव में सभी पार्टियों का सफाया करते हुए सभी 6 सीटें जीती थी। इसका श्रेय सपा ने अरविंद सिंह गोप को देते हुए उन्हें इनाम के तौर पर कैबिनेट मंत्री भी बनाया था।

Update:2017-02-19 17:14 IST

बाराबंकी : समाजवादी पार्टी (सपा) की ओर से विधानसभा प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद जो अंतर्कलह शुरू हुआ था वह आज भी थमने का नाम नहीं ले रहा। बाराबंकी में सपा ने पिछले चुनाव में सभी पार्टियों का सफाया करते हुए सभी 6 सीटें जीती थी। इसका श्रेय सपा ने अरविंद सिंह गोप को देते हुए उन्हें इनाम के तौर पर कैबिनेट मंत्री भी बनाया था।

तीसरे चरण के मतदान के लिए रविवार (19 फरवरी) को इस अंतर्कलह का एक और रूप तब सामने आया, जब अपने पैतृक निवास सिरौली गौसपुर में अपना मतदान करने आए बेनी प्रसाद वर्मा और उनके बेटे राकेश वर्मा ने दो अलग-अलग बयान दिए। इनके बयान से राजनैतिक हलकों में एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।

राकेश की कोशिश गोप को हराने की तो नहीं?

मतदान के बाद मीडिया से बात करते हुए बेनी वर्मा के बेटे राकेश ने कहा, जिले की सभी 6 सीटों पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जीतेगी। प्रदेश में बसपा को हो बहुमत मिलेगा। सपा से हमारा मोहभंग नहीं, बल्कि हमसे सपा नेतृत्व का मोहभंग हो गया है। राकेश वर्मा का इशारा साफ़ तौर पर बसपा को सहयोग कर अरविन्द सिंह गोप को हराने की तरफ था। बता दें कि अरविंद सिंह गोप सपा उम्मीदवार हैं जबकि राकेश के पिता बेनी प्रसाद वर्मा समाजवादी पार्टी के ही राज्य सभा संसद हैं।

बेटे के बयान से बेनी ने लिया यू टर्न

वहीं दूसरी तरफ, मतदान करने आए सपा सांसद बेनी प्रसाद वर्मा ने एक मंझे हुए खिलाड़ी की तरह अपने बेटे के बयान पर यू टर्न लिया। बेनी बोले, 'बेटा बालिग है। किसी भी पार्टी का नाम लिए बगैर बेनी वर्मा ने कहा 'हमारी पार्टी जीतेगी, नंबर वन होगी...अरविन्द सिंह गोप के जीतने के सवाल पर बोले " हमारी इच्छा है कि जीत जाएं।'

ऐसे कयास पहले से थे

समाजवादी पार्टी क़े संस्थापक सदस्य रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा उस समय कांग्रेस पार्टी में थे। कभी उंगली पकड़कर राजनीतिक जमीन पर कदम रखने वाले अरविन्द सिंह गोप का ऊंचाइयों पर पहुंचना बेनी प्रसाद वर्मा को हमेशा से अखरता रहा है। जब बेनी वर्मा ने कांग्रेस का दामन छोड़ अपने पुराने घर सपा में वापसी की थी तभी से राजनीतिक जानकार यह कयास लगा रहे थे कि जो लड़ाई अब तक दबी हुई थी वह अब उभरकर सामने आएगी।

इस तरह बदला पूरा नजारा

दरअसल, बेनी वर्मा कहीं ना कहीं अपने बेटे राकेश का भविष्य भी सपा में देख रहे थे। इसी दौरान जब मुलायम ने विधानसभा प्रत्याशियों की सूची जारी की तो उसमें कैबिनेट मंत्री अरविन्द गोप का नाम गायब था। उसकी जगह रामनगर से राकेश वर्मा को टिकट दिया गया था। बस तभी से यह इस झगडे ने राजनैतिक प्रतिद्वंदिता का रूप ले लिया। जबकि अखिलेश यादव की लिस्ट में अरविन्द सिंह गोप का नाम था और उन्हें रामनगर से टिकट मिला। वहीं राकेश वर्मा को आंकड़ों के हिसाब से कमजोर समझी जाने वाली बगल के जिले की कैसरगंज विधानसभा सीट दी गई थी तभी से राकेश वर्मा चुनाव लड़ने से इंकार कर अरविन्द सिंह गोप को हराने में जुट गए थे।

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