मुजफ्फरनगर विधानसभा चुनाव में बीजेपी का लगा छक्का, सभी 6 सीटों पर जमाया कब्ज़ा

Update:2017-03-12 15:03 IST

मेरठ: मुजफ्फरनगर में हुई बीजेपी की 6 की 6 विधानसभा सीटों पर बड़ी जीत के बाद हजारों बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जोरदार जश्न मनाया। इस अवसर पर युवाओं में खासा जोश देखने को मिला। जश्न के बाद मतगणना स्थल से सभी 6 विधानसभाओं से विजयी हुए भाजपा प्रत्याशी के साथ केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान और हजारों भाजपा कार्यकर्ता विजय रथ पर सवार होकर ढोल-नगाड़ों के साथ नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए शहर की ह्रदयस्थली शिव चौक पर पहुंचे और भगवान आशुतोष की पूजा अर्चना की। जीत के इस जश्न पर युवाओं ने जमकर ढोल पर डांस किया और गुलाल उड़ाकर जीत की होली भी मनाई।

मुज़फ्फरनगर की सभी 6 विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों ने अपने अपने प्रतिद्वंदी को हरा भाजपा की झोली में जीत डालकर सपा और बसपा के अरमानों पर पानी फेर दिया है। मुज़फ्फरनगर की सदर सीट से जहां भाजपा के कपिलदेव अग्रवाल ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी गौरव स्वरुप को भारी मतों से पराजित कर दिया है। वहीं बुढ़ाना विधानसभा से भाजपा के उमेश मलिक ने सपा के प्रमोद त्यागी और बसपा के कादिर राणा की पत्नी सैय्यदा बेगम को हरा कर विधानसभा पहुंच गए हैं। खतौली विधानसभा से भाजपा के विक्रम सैनी ने अपने पहले चुनाव में बाजी मारते हुए सपा के चन्दन सिंह चौहान, रालोद के शाहनवाज राणा को चित कर ये सीट भी भाजपा के खेमे में डाल दी। वहीं चरथावल विधानसभा से भाजपा के विजय कश्यप ने बसपा के नूरसलीम राणा को करारी हार देकर जित दर्ज की है। पुरकाज़ी विधानसभा से पहली बार चुनाव लड़ रहे वाल्मीकि समाज के प्रमोद उटवाल ने कांग्रेस सपा गठबंधन के प्रत्याशी दीपक कुमार को हरा जीत दर्ज कर अपना पहला चुनाव जीत गए हैं। मीरापुर विधानसभा पर भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता अवतार सिंह भड़ाना ने रालोद की मिथलेश पाल और सपा के लियाकत अली को चारों खाने चित कर ये सीटें भाजपा के खाते में डाल दी हैं।

संजीव बालियान (जल संसाधन मंत्री -भारत सरकार) का कहना है कि मुझे लगता है कि इतनी बड़ी जीत की कभी किसी ने कल्पना नहीं की होगी। ये जीत बहुत जिम्मेदारी लेकर आई है । जिम्मेदारी इस बात कि उत्तर प्रदेश को दोबारा नंबर वन उत्तर प्रदेश बनाने की। इतने बड़े जनादेश के साथ के बहुत उम्म्मीद होती है लोगों को कानून व्यवस्था में सुधार करना। हर तरफ भारतीय जनता पार्टी का विधायक जीता है। मुझे लगता है कि जातीय समीकरण की दीवार टूट कर भाजपा को बहुत मत मिला है। एक तरफ़ा वोट मिलने पर इतनी बड़ी जीत संभव नहीं है । पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों के बिना जीता नहीं जा सकता। इतनी बड़ी जीत पर उनकी सहभागिता है। कुछ तथाकथित जाट नेता दिल्ली और नोएडा में बैठकर फ़तवा जारी करते थे कि जाट वोट नहीं देगा। जो खुद आज तक अपने गांव में नहीं आए, तो वो कैसे जाट के ठेकेदार बने? मैं बहुत खुश हूं। मुझे लगता है कि भारतीय जनता पार्टी का कोई कार्यकर्त्ता ही उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री होगा ।

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