NEET पर केंद्र सरकार का आया ये फरमान, युवाओं में बढ़ा रोष, चुनाव पर पड़ सकता है सीधा असर

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए जेपी नड्डा पनौती की तरह साबित हो रहे हैं। नेशनल एलिजिबिलटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) के संबंध में लिए गए उनके मंत्रालय के इस ताजा फैसले ने यूपी चुनाव में बीजेपी के लिए मानो कब्र ही खोद दी हो। युवाओं में रोष इस कदर भरा हुआ है कि इसका सीधा असर यूपी के विधानसभा चुनाव में निकाल सकते हैं।

Update: 2017-02-02 11:29 GMT

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए जेपी नड्डा पनौती की तरह साबित हो रहे हैं। नेशनल एलिजिबिलटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) के संबंध में लिए गए उनके मंत्रालय के इस ताजा फैसले ने यूपी चुनाव में बीजेपी के लिए मानो कब्र ही खोद दी हो। युवाओं में रोष इस कदर भरा हुआ है कि इसका सीधा असर यूपी के विधानसभा चुनाव में निकाल सकते हैं।

क्या है पूरा मामला?

-दरअसल, 31 जनवरी की रात को नीट के संबंध में केंद्र सरकार का एक फरमान आया।

-अब नीट परीक्षा में छात्र केवल 3 बार ही प्रतियोगिता में हिस्सेदारी ले सकते हैं।

-यह परीक्षा तीन अटेम्प्ट की काउंटिंग साल 2014, 2015 और 2016 को मिलाकर की जाएगी।

-जिसके बाद अगली सुबह तक मेडिकल की तैयारियों से जुड़े युवाओं में इस फैसले को लेकर नाराजगी बढ़ने लगी।

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छात्रों ने किया हंगामा

-कई जगहों पर इन प्रतियोगी छात्रों ने तोड़फोड़ और धरने भी दिए।

-इनमें सबसे पहले कोटा में प्रदर्शन की खबरे मिलीं।

-मगर देखते ही देखते कानपुर के काकादेव में रहकर तैयारी कर रहे छात्रों ने हंगामा किया।

-ऐसा ही नजारा लखनऊ में भी देखने को मिला।

-ये प्रतियोगी छात्र देर रात तक एक जगह पर मिलकर आगे की कार्ययोजना बनाने की मंत्रणा में जुटे हैं।

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छात्रों ने दी धमकियां

-मेडिकल की तैयारियों में मेहनत कर रहे यूपी के युवाओं ने इस फैसले के लिए जेपी नड्डा को कोस रहे हैं।

-स्टूडेंट्स का कहना है कि उनके मंत्रालय का यह फैसला बेहद घटिया है।

-छात्रों का मानना है कि सरकार के इस फैसले से अमीर और गरीब की खाई और गहरी हो जाएगी।

-वह तर्क देते हैं कि हमारा एक्जाम पैटर्न तो समान है, लेकिन हम अलग-अलग पाठ्यक्रम पढ़ते हैं।

-वे बताते हैं कि CBSE बोर्ड में आम तौर पर अमीर और संपन्न लोगों के बच्चे पढ़ते हैं जबकि गरीब लोग अक्सर स्टेट बोर्ड में ही पढ़ते हैं।

-इन सब तर्कों के साथ ये छात्र बीजेपी और खासतौर पर कैबिनेट मंत्री जेपी नड्डा को गरीब विरोधी करारा देते हैं और यूपी चुनाव में देख लेने की धमकियां दे रहे हैं।

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यूपी चुनाव में हो सकता है नुकसान

-यूपी के लिहाज से देखें तो जेपी नड्डा इससे पहले भी बीजेपी की ऐसी-तैसी कर चुके हैं।

-अभी हाल ही में बीजेपी के उम्मीदवारों के टिकट बंटवारे के बाद खुद के कार्यकर्ता नड्डा से नाराज दिखे।

-मालूम हो कि जेपी नड्डा बीजेपी चुनाव समिति के सचिव नियुक्त किए गए हैं, ऐसे में उनकी कोई भी हरकत पार्टी को चुनाव में सीधा नुकसान पहुंचा सकती है।

-दो दिन पहले नीट के संबंध में लिए गए उनके फैसले को देखकर तो यही लगता हैं कि जेपी नड्डा अब बीजेपी के लिए भस्मासुर साबित हो रहे हैं।

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