सूबे में गठबंधन जिले में तकरार, बलरामपुर की दो सीटों पर सपा-कांग्रेस के प्रत्याशी आमने-सामने

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी का हाथ थामकर बड़ा गठबंधन उत्तर प्रदेश की जनता के सामने पेश किया है।

Update: 2017-02-10 03:34 GMT

बलरामपुर: यूपी में भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी का हाथ थामकर बड़ा गठबंधन यूपी की जनता के सामने पेश किया है। लेकिन इस गठबंधन का असर बलरामपुर की दो विधानसभाओं पर बिल्कुल नहीं दिख रहा है। यहां कांग्रेस पार्टी ने अपना और सपा ने अपना उम्मीदवार उतार रखा हैं। इससे लोगों में असमंजस की स्थिति है कि जब राजधानी में दोनों पार्टियों ने गठबंधन कर साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो वहीं बलरामपुर में सपा के प्रत्याशी और कांग्रेस के प्रत्याशी आमने-सामने चुनाव कैसे लड़ रहे हैं। ऐसे में जनता किसे वोट दें इस सवाल का उत्तर बलरामपुर की जनता को नहीं मिल पा रहा है।

बलरामपुर विधान सभा क्षेत्र से सपा के विधायक रहे जगराम पासवान का टिकट काटकर शिवपाल यादव और अखिलेश यादव की लिस्ट में गुरुदास सरोज को सपा का सुरक्षित सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया है। गुरुदास सरोज सपा के क़द्दावर नेता एवम चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राजमंत्री रहे एसपी यादव के करीबी माने जाते हैं, साथ ही गठबंधन के दायरे को तोड़ते हुए कांग्रेस पार्टी ने भी सदर विधानसभा बलरामपुर क्षेत्र से शिवलाल को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। इन दोनों प्रत्याशियों ने अपना अपना नामांकन भी पार्टी के सिंबल पर दाखिल कर दिया है।

एक ही सीट से सपा-कांग्रेस प्रत्याशियों ने किया नामांकन

वहीं तुलसीपुर विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां से सपा के विधायक रहे मसूद खान को दोबारा सपा ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं घोषणा के कुछ दिन बाद तुलसीपुर विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले एवं पूर्व बाहुबली सांसद रिजवान जहीर जो कि पहले सपा फिर बसपा फिर पीस और अब कांग्रेस में हैं। साथ ही उन्हें कांग्रेस पार्टी ने स्टार प्रचारकों की सूची में भी शामिल कर रखा है। बृहस्पतिवार के दिन अचानक से ही सरगर्मी तेज हो गई और कांग्रेस के सिंबल पर उनकी पुत्री जेबा ने अपना पर्चा दाखिल किया।

जनता किसको करे वोट

ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जब सूबे की राजधानी में सपा के मुखिया अखिलेश यादव और कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गठबंधन कर साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की उसके बावजूद बलरामपुर की दोनों विधानसभा सीटों पर सपा और कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों का आमने सामने उतारना और नामांकन करना कितना उचित है। साथ ही जनता किसको वोट करें यह एक बड़ा सवाल है,जिसके जवाब की प्रतीक्षा बलरामपुर की जनता कर रही है।

क्या कहते हैं मसूद खान?

वहीं पूरे मामले पर जब सपा के प्रत्याशी मसूद खान से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि पार्टी ने मुझे टिकट दिया है और मैंने नामांकन किया है तो बेशक चुनाव लडूंगा।

क्या कहते हैं रिजवान?

वहीं पूर्व सांसद रिजवान जहीर ने अपनी पुत्री के नामांकन पर बताया कि बत्तख के बच्चे को तैरना नहीं सिखाया जाता। उसी तरह मेरी बेटी भी राजनीति के बारे में सब कुछ जानती है और यहां निर्दलीय के तौर पर नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी के कैंडीडेट के तौर पर चुनाव लड़ने आई है।

क्या कहते हैं गुरदास सरोज?

बलरामपुर सुरक्षित विधानसभा सीट से सपा के प्रत्याशी गुरदास सरोज ने कहा कि पार्टी ने टिकट दिया है तो चुनाव लड़ रहा हूं पार्टी के आदेश का अनुपालन करना ही मेरा दायित्व है।

क्या कहना है शिवलाल का?

इस बाबत शिवलाल ने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने मुझे टिकट दिया है। टिकट चुनाव लड़ने के लिए ही मिला है और मैं चुनाव लड़ रहा हूं। पार्टी से कोई नया फरमान जब जारी होगा तब देखा जाएगा।

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