सांसें थमने से पहले बुजुर्ग ने दी प्रेरणा, पहले मतदान, फिर किया परिवार ने अंतिम संस्कार
परिवार ने तय किया कि पहले पिता की इच्छा पूरी करने के लिये मतदान करेंगे और फिर चिता को आग लगाएंगे। संबंधियों और परिचितों को निधन की सूचना देते हुए परिवार ने उनसे भी पहले मतदान और तब अंतिम संस्कार में शामिल होने की अपील की।
बहराइच: पहले मतदान-फिर जलपान। चुनाव आयोग के इस स्लोगन को सुना तो सबने होगा, लेकिन इस पर अमल कम लोग करते हैं। लेकिन इस स्लोगन की प्रेरणा देने वाले बुजुर्ग का जब ऐन चुनाव से पहले निधन हो गया, तो परिवार ने इस स्लोगन को वसीयत मान लिया और पहले मतदान किया, तब चिता को आग लगाई।
लोकतंत्र के प्रहरी
-सोमवार को पांचवें चरण का मतदान था और जरवलरोड बाजार निवासी राम प्रकाश का परिवार मतदान को लेकर काफी उत्साहित था।
-परिवार के बुजुर्ग 70 वर्षीय रामप्रकाश लोकतंत्र और मतदान को लेकर अपने परिवार को लगातार प्रेरित करते रहते थे।
-रविवार रात परिवार ने सुबह के मतदान को लेकर चर्चा भी की थी, लेकिन देर रात अचानक रामप्रकाश का हृदय गति रुकने से निधन हो गया।
-लेकिन इस परिस्थिति ने भी परिवार को विचलित नहीं किया और उन्होंने स्वर्गीय रामप्रकाश को श्रद्धांजलि का बेहतरीन तरीका ढूंढ निकाला।
पहले मतदान, फिर अंत्येष्टि
-परिवार ने तय किया कि पहले पिता की इच्छा पूरी करने के लिये मतदान करेंगे और फिर चिता को आग लगाएंगे।
-संबंधियों और परिचितों को निधन की सूचना देते हुए परिवार ने उनसे भी पहले मतदान और तब अंतिम संस्कार में शामिल होने की अपील की।
-सोमवार सुबह मृतक के पुत्र केशवराम ने परिवार के नौ सदस्यों के साथ बूथ पर जाकर लोकतंत्र के आयोजन में अपनी भागीदारी निभाई।
-इसके बाद ही शव यात्रा सरयू घाट के लिए रवाना हुई, जहां दोपहर बाद लोकतंत्र के प्रहरी का अंतिम संस्कार हुआ।
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