UP चुनाव: चूहों की भरमार से EVM मशीन खतरे में, जिला प्रशासन ने निपटने के लिए उठाया ये कदम
विधानसभा चुनाव के लिए जिला प्रशासन ने नौबस्ता क्षेत्र स्थित नवीन गल्ला मंडी में स्ट्रांग रूम बनाने का फैसला किया है। ईवीएम मशीन को सबसे ज्यादा खतरा चूहों से है। इस समस्या से निपटने के लिए जिला प्रशासन अब कीटनाशक केमिकल का इस्तेमाल कर रही है। कीटनाशक तरल को पानी से मिला कर चूहों के बिल में डाला जा रहा है। इसके बाद उन बिल को कंक्रीट और सीमेंट से भरने का काम किया जा रहा है। इसके साथ रूम के रंग रोगन का भी काम तेजी से चल रहा है।
कानपुर : विधानसभा चुनाव के लिए जिला प्रशासन ने नौबस्ता क्षेत्र स्थित नवीन गल्ला मंडी में स्ट्रांग रूम बनाने का फैसला किया है। ईवीएम मशीन को सबसे ज्यादा खतरा चूहों से है। इस समस्या से निपटने के लिए जिला प्रशासन अब कीटनाशक केमिकल का इस्तेमाल कर रही है। कीटनाशक तरल को पानी से मिला कर चूहों के बिल में डाला जा रहा है। इसके बाद उन बिल को कंक्रीट और सीमेंट से भरने का काम किया जा रहा है। इसके साथ रूम के रंग रोगन का भी काम तेजी से चल रहा है।
बीते लोक सभा चुनाव में भी गल्ला मंडी में स्ट्रांग रूम बनाया गया था। इससे पहले जितने भी चुनाव हुए है। उनका स्ट्रांग रूम पॉलिटेक्निक में बनाया जाता था। लेकिन क्षेत्रफल की दृष्टि से गल्ला मंडी काफी बड़ी है। हाइवे होने की वजह से अवागमन आसान भी है। इसी वजह से जिला प्रशासन ने यह जगह फाइनल की है ।
19 फरवरी को चुनाव
-गल्ला में अनाज का बड़ा भंडार है जिसकी वजह से चूहों की भरमार है।
-चूहे भी इतने बड़े की उनको देखकर हर कोई हैरान रह जाए।
-यह चूहे व्यापारियों का बड़ा नुकसान करते है।
-अब जिला प्रशासन के लिए सबसे बड़ी यह समस्या है कि यह चूहे कही ईवीएम् मशीन को नुकसान न पंहुचा दे।
-कानपुर में 19 फरवरी को चुनाव है इसके बाद सभी वोटिंग मशीने यहीं पर रखी जानी है।
क्या कहना है इन लोगों का?
-चूहों के बिलों को भरने का काम कर रहे सोनू के मुताबिक 'यहां पर चूहों के बहुत बड़े-बड़े बिल थे। जिससे चूहे एक स्थान से दूसरे स्थान पर आते-जाते थे। इनको बंद करने का काम किया जा रहा है। छतों, दीवारों और फर्श पर चूहों के बिल थे।'
-ठेकेदार नितेश का कहना है कि यहां पर स्ट्रांग रूम बनाना है और चूहों से निपटने के लिये हमने chlorpyrifos केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है।
-यह केमिकल पानी में मिलाकर चूहों के बिल में डाला जाता है।
-इसके बाद सीमेंट के मिश्रण से उन बिलों को भर दिया जाता है। इससे चूहे नहीं आएंगे और ईवीएम मशीने भी सुरक्षित रहेंगी।।
-यदि इसका इस्तेमाल नहीं किया गया तो यह चूहे बड़ा नुकसान कर सकते है।