मुख्तार को बेकसूर बताकर घिरीं मायावती, कोर्ट की अवमानना के आरोप में लीगल नोटिस

अशोक सिंह ने कहा है कि वह मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमों में गवाह हैं। पर मायावती ने 26 जनवरी को मुख्तार के बारे में दिए गए बयान में कहा कि उन्हें पूर्व की सरकारों द्वारा गलत तरीके से फंसाया गया है जबकि अभी उसमें कार्यवाहियां लंबित हैं।

Update: 2017-01-28 08:36 GMT

लखनऊ: मऊ सदर से विधायक मुख्तार अंसारी को बेकसूर बताने वाले बयान को लेकर बसपा मुखिया मायावती घिर गई हैं। इसे कोर्ट की अवमानना बताते हुए मऊ निवासी अशोक सिंह ने उन्हें लीगल नोटिस भेजते हुए कहा है कि यदि वह अपना यह बयान वापस नहीं लेती हैं तो वह उनके खिलाफ रिट दाखिल करेंगे। श्री सिंह मुख्तार के खिलाफ दो मुकदमों में गवाह भी हैं।

मायावती को नोटिस

अशोक सिंह ने कहा है कि वह वर्ष 2009 के अपराध संख्या 1866 और 399/2010 में पुलिस स्टेशन सराय लखांसी व कोतवाली मऊ में मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमों में गवाह हैं। अभी उसमें कार्यवाहियां लंबित हैं। पर दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने 26 जनवरी को मुख्तार के बारे में दिए गए बयान में कहा कि उन्हें पूर्व की सरकारों द्वारा गलत तरीके से फंसाया गया है। उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।

उन्होंने कहा है कि बसपा मुखिया का यह बयान सिर्फ आचार संहिता के खिलाफ या वोटरों को प्रभावित करने का प्रयास ही नहीं बल्कि अदालत में लंबित मामले में आरोपी को निर्दोष बताकर अदालत की अवमानना का भी है। अशोक सिंह ने कहा है कि ​यदि वह अपना बयान तुरंत वापस नहीं लेती हैं तो वह उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की याचिका दाखिल करेंगे।

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