मायावती बोलीं- चुनाव आयोग के फैसले के अनुपालन में चालाकी नहीं दिखाएं मोदी
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने चुनाव आयोग के उस फैसले का स्वागत किया है। जिसमें यूपी समेत उन पांच राज्यों के लिए बजट में कोई विशेष प्रावधान और घोषणा न करने का निर्देश दिया है, जहां विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।
मायावती ने कहा, अब पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की खास ज़िम्मेदारी बनती है कि वे इस निर्देश का अनुपालन करने में कोई चालाकी नहीं दिखाए। उस निर्देश का ईमानदारीपूर्वक अनुपालन कर उन राज्यों के चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश ना करें।
सरकार आम चुनाव तक टाल सकती थी बजट
सुप्रीम कोर्ट के अलावा चुनाव आयोग ने केन्द्र सरकार को एक फरवरी से बजट पेश करने को हरी झंडी देने पर मंगलवार को एक बयान जारी किया। बयान में मायावती ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'वैसे तो केन्द्र की बीजेपी सरकार की यह ज़िम्मेदारी बनती थी कि वह स्थापित परंपरा को ध्यान में रखे। साथ ही बजट सत्र एक फरवरी को पेश करने बजाय आम चुनाव तक यानि मार्च तक टाल सकती थी। लेकिन इस संबंध में कोई स्पष्ट कानून नहीं होने का लाभ लिया गया। केंद्र सरकार एक फरवरी को बजट पेश करने के फैसले पर पुनर्विचार करने को तैयार नहीं हुई, जिसका अनुरोध ज़्यादातर विपक्षी पार्टियों ने किया था। इस संबंध में राष्ट्रपति और निर्वाचन आयोग को संयुक्त ज्ञापन भी सौंपा गया था।'
आयोग का कदम स्वागत योग्य
मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब सहित पांच राज्यों के चुनाव के दौरान केन्द्रीय बजट का पेश होना एक नई परंपरा है जिससे इन राज्यों में आम चुनाव के स्वतंत्रता और निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है। फिर भी केन्द्र सरकार एक फरवरी को ही बजट पेश करने पर अड़ी है। इस नई परिस्थिति में निर्वाचन आयोग का केन्द्र सरकार का यह निर्देश स्वागत योग्य कदम है कि बजट में इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि चुनावी राज्यों से संबंधित सरकारी योजनाओं की उपलब्धियों का उल्लेख नहीं हो।
नहीं मानी केंद्र सरकार
मायावती ने कहा, 'बजट सत्र के दौरान केंद्र की घोषणायें चुनाव को प्रभावित कर सकती थी। इसको देखते हुए प्रतिपक्षी पार्टियों ने पूर्व परंपरा के अनुसार यह सत्र थोड़ा टालने की मांग की थी, पर केन्द्र सरकार ने इसे नहीं माना।'