UP चुनाव: यह संघ सभी 403 सीटों से उतारेगी 'मुर्दा उम्मीदवार', जानें क्या है इसके पीछे का रहस्य
आजमगढ़ : मृतक संघ इस बार यूपी की सभी सीटों से चुनाव लड़ेगा। संगठन के अध्यक्ष लाल बिहारी मृतक ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस बार सभी सीटों से मुर्दा उम्मीदवारों को चुनाव में उतारा जाएगा। जिसकी चयन प्रक्रिया अंतिम दौर में है। जिसके लिए सभी जिलों के जीवित मृतक और धोखाधड़ी से पीड़ित उम्मीदवार मैदान में लड़ने को तैयार हो चुके हैं।
जाने मृतक संघ के बारे में
मृतक संघ बनने की कहानी भी दिलचस्प है। ये एक संघर्ष कर रहे व्यक्ति के हौसले की कहानी है। लाल बिहारी को 14 साल की उम्र में राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी कर मृतक घोषित कर दिया गया था। रिश्तेदारों ने राजस्व अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर उनकी संपत्ति पर कब्जा कर लिया । खुद को जिंदा साबित करने के लिए उन्होंनें कानूनी लडाई लडी,यूपी विधानसभा में पर्चे फेंके और गिरफ्तार हुए , पत्नी के लिए विधवा पेंशन के लिए आवेदन किया ।
अमेठी से राजीव गांधी के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लडा। लंबी कानूनी लडाई के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उन्हें जिंदा घोषित किया । अदालत में सुनवाई के दौरान उन्हें पुकारा जाता था ,,लाल बिहारी मृतक हाजिर हो।,,बस उसके बाद से ही उन्होंने अपने नाम के आगे मृतक शब्द जोड लिया और ऐसे लोगों के लिए संस्था बनाई जो जिंदा होते हुए भी राजस्व रिकार्ड में मृत घोषित किए जा चुके हैं । उनका दावा हे कि अब तक सिर्फ आजमगढ में 10 हजार से ज्यादा ऐसे लोगों की पहचान की जा चुकी है जो जिंदा तो हैं लेकिन मरे हुए घोषित किए जा चुके हैं । वो अपनी संसथा में माध्यम से ऐसे लोगों की कानूनी लडाई लडते हैं ।
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लाल बिहारी की कहानी पर बन रही फिल्म
लाल बिहारी की कहानी पूरी फिल्मी है।
लिहाजा उनकी जीवनी पर फिल्म भी बनने की योजना बनी।
निर्माता निर्देशक सतीश कौशिक उनकी जीवनी पर फिल्म बना रहे हैं ।
पिछले साल वो शुटिंग की जगह देखने यूपी भी आए थे।