मुस्लिम धर्मगुरुओं के रुख से बसपा उत्साहित, सपा-कांग्रेस गठबंधन में चिंता

दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने गुरूवार को सपा पर जमकर हमला बोलते हुए पार्टी को मुस्लिमों के लिए परेशानी का कारण करार दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी के 5 साल के शासन में मुस्लिम सिर्फ परेशान हुए हैं।

Update: 2017-02-09 15:57 GMT

लखनऊ: चुनाव के पहले फेज के लिए 11 फरवरी को वोटिंग होनी है। इसके ठीक पहले प्रदेश भर में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। आम तौर पर चुप रहने वाला वोटर भी मुखर हो रहा है। धर्मगुरूओं ने भी अपनी मंशा जाहिर करनी शुरू कर दी है। पिछले कई दिनों से लगातार संत और मौलाना बसपा के समर्थन में भी उतर रहे हैं। इसने सपा-कांग्रेस गठबंधन की चिंताओं को बढा दिया है।

इसी कड़ी में दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने गुरूवार को सपा पर जमकर हमला बोलते हुए पार्टी को मुस्लिमों के लिए परेशानी का कारण करार दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी के 5 साल के शासन में मुस्लिम सिर्फ परेशान हुए हैं। प्रदेश की कानून व्यवस्था खराब रही। मुस्लिमों से जो भी वादे किए गए थे, वह पूरे नहीं किए गए। मायावती के राज में प्रदेश की कानून व्यवस्था अच्छी थी। उन्होंने मुसलमानों के खिलाफ नाइंसाफी नहीं होने दी। बसपा सबको साथ लेकर चलना जानती है।

बुखारी ने कहा कि यह मुस्लिमों को अपनी ताकत दिखाने का मौका है। उन्हें राजनीतिक दलों से डरने की जरूरत नहीं है। दलों को यह समझना होगा कि बिना अल्पसंख्यकों के सत्ता नहीं मिल सकती। बुखारी ने दादरी कांड में मृतक अखलाक व ​कुंडा में डीएसपी जियाउलहक की मौत का जिक्र करते हुए कहा कि सपा ने सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने का वादा भी पूरा नहीं किया।

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