नसीमुद्दीन का मुस्लिम कार्ड, कहा- नहीं दिया साथ तो कोई मुसलमान MLA नहीं होगा
रायबरेलीः अगड़ों और दलितों के अलावा बीएसपी को अब यूपी के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के लिए मुसलमान वोटरों का भी साथ चाहिए। ऐसे में पार्टी के महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बुधवार को मुस्लिम कार्ड खेल दिया। नसीमुद्दीन ने लालगंज के सरेनी विधानसभा क्षेत्र में हुए भाईचारा सम्मेलन में कहा, "बहन मायावती ने आप लोगों से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस या सपा के लिए वोट खराब न करने को कहा था। आपने उनकी गुजारिश नहीं सुनी। इस वजह से एक भी मुसलमान सांसद नहीं बना। अगर इस बार भी ऐसा किया तो कोई मुसलमान विधायक भी यूपी में नहीं होगा।"
नसीमुद्दीन ने और क्या कहा?
नसीमुद्दीन यहीं नहीं रुके। भावनाओं को भड़काने वाले अंदाज में उन्होंने ये भी कहा कि गुजरात के उना में गौरक्षा के नाम पर दलितों को पीटा जाता है। मुसलमानों की रोज ठुकाई हो रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि ये गौरक्षा हो रही है? साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मुसलमानों और दलितों को परेशान करने के लिए घर वापसी, लव जेहाद और गौरक्षा के मसले उठाए जाते हैं।
सपा-बीजेपी पर ऐसे भी साधा निशाना
नसीमुद्दीन ने सपा और बीजेपी पर हमला जारी रखते हुए कहा कि सपा की सरकार के दौर में यूपी में 400 सांप्रदायिक दंगे हो चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा और बीजेपी ने मिलकर ये दंगे कराए। उन्होंने कहा कि जब तक सपा है, बीजेपी रहेगी और सपा भी बीजेपी के रहने तक रहेगी।
उन्होंने कहा कि मुसलमानों ने कांग्रेस, जनता पार्टी और सपा का साथ दिया, लेकिन उनकी परेशानियां दूर नहीं हुईं। बीएसपी नेता ने कहा कि 24 फीसदी दलित हैं और 20 फीसदी मुसलमान हैं। जबकि सिर्फ 30 फीसदी वोटों से सरकार बन जाती है।