लखनऊ: यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सोमवार को राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के सभी बड़े नेता एक मंच पर जुटे और महागठबंधन का एलान किया। इस एलान के साथ ही यूपी विधानसभा चुनाव में अब तक का पहला गठबंधन सामने आया है।
अन्य पार्टियों को भी लाएंगे साथ
इस मौके पर रालोद प्रमुख अजीत सिंह ने कहा, 'हम चाहते थे कि लोहिया और चौधरी चरण सिंह के अनुयायियों को एक मंच पर लाएं। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। आज आरएलडी जेडीयू और बीएस4 एक मंच पर हैं। हमने तय किया है कि हम तीन पार्टियां सहित कई अन्य छोटी पार्टियां भी एक मंच पर होंगे।'
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महागठबंधन से मुलायम ही पीछे हटे
अजित सिंह ने कहा, जो सपने चौधरीजी के थे, जो सपने लोहियाजी के थे वो प्रदेश को एक अलग दिशा देने का प्रयास करेगी। रालोद प्रमुख ने कहा, 'मुलायम सिंह यादव ने ही बिहार में भी गठबंधन के लिए मना किया था। यहां भी वो ही मना कर रहे हैं अब ये तो उनसे पूछना पड़ेगा कि आखिर वो क्यों नही सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ महागठबंधन चाहते। 5 नवंबर को मुलायम सिंह यादव ने ही गठबंधन पर बातचीत के लिए बुलाया था लेकिन खुद पीछे हट गए।'
कानपुर हादसे पर संवेदना जताई
अजीत सिंह ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, 'लोकसभा चुनाव से पहले मोदीजी ने 15 लाख रुपए हर खाते में देने का वादा किया था। लेकिन अब अपने ही देश के नोट ख़त्म कर कर रहे हैं। 1978 में भी ऐसा ही फैसला लिया गया था लेकिन उसका असर जनता पर नहीं पड़ा था। लेकिन मोदीजी ने जो फैसला किया वो जल्दबाजी में किया और इससे आम जनता परेशान है।'
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'हम नोटबंदी के खिलाफ नहीं'
नोटबंदी पर अजित सिंह ने कहा, हम इस फैसले के खिलाफ नहीं हैं लेकिन सरकार को तैयारी पूरी करनी चाहिए थी। अगर पहले ही नए नोट बैंकों में पहुंच जाते तो इतनी परेशानी नहीं होती। नोट काला सफ़ेद नहीं होता बल्कि इस्तेमाल होता है। जिसके लिए केंद्र सरकार ने अभी कुछ नहीं किया।
यूपी में बीजेपी को रोकना मकसद
अजीत सिंह ने कहा, हमारा उद्देश्य यूपी में बीजेपी को हराना है। हमारा गठबंधन लगभग सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगा।