रायबरेली और अमेठी में फंस गया गठबंधन पेंच, कांग्रेस की जमीन पर सपा का मोर्चा

अब कांग्रेस का कहना है कि सपा अपने प्रत्याशियों के नाम वापस ले। कांग्रेस अमेठी, रायबरेली की किसी भी सीट से अपना दावा छोडने के मूड में दिखाई नहीं देती। सपा को 39 सीटों से अपने प्रत्याशी वापस लेने होंगे।

Update:2017-01-27 18:50 IST

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस सत्ता के लिए मिल तो गए लेकिन दिल नहीं मिल सके। सीटों के बंटवारे और गठबंधन के बावजूद ताजा मामला अमेठी और रायबरेली की सीटों को लेकर फंस रहा है।

सपा-कांग्रेस में भिड़ंत

अमेठी और रायबरेली शुरू से गांधी नेहरू परिवार की जमीन रही है। दोनों जगहों के मतदाता भी खुद को अन्य मतदाताओं से कुछ अलग और खास मानते रहे हैं। दोनों जगहों के मतदाताओं को ये गुमान रहा है कि वो उस क्षेत्र से आते हैं जहां से गांधी नेहरू परिवार के लोग चुनकर संसद में पहुचते हैं।

अमेठी और रायबरेली संसदीय क्षेत्र में 10 विधानसभा सीटें हैं जिसे कांग्रेस हमेशा से अपना मानती रही है। ये और बात है कि विधानसभा के 2012 के चुनाव में उसके हिस्से मात्र दो सीटें ही आ सकी थीं। सपा ने इन 10 सीटों में पांच पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। ये तय हुआ था जब दोनों दलों के बीच गठबंधन की बात चल रही थी।

अब कांग्रेस का कहना है कि सपा अपने प्रत्याशियों के नाम वापस ले। कांग्रेस अमेठी, रायबरेली की किसी भी सीट से अपना दावा छोडने के मूड में दिखाई नहीं देती।

गठबंधन के तहत सपा को 298 सीटों पर ही चुनाव लडना है क्योंकि पार्टी ने 105 सीटें कांग्रेस के लिए छोडी है। सपा अब तक 337 प्रत्याशियों की सूची जारी कर चुकी है और इनमें कई को सिंबल भी जारी किए जा चुके हैं। सपा को 39 सीटों से अपने प्रत्याशी वापस लेने होंगे।

कांग्रेस की नाक

अमेठी कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सीट, तो रायबरेली अध्यक्ष सोनिया गांधी का संसदीय निर्वाचन क्षेत्र है। दोनों जिलों की विधानसभा सीटें कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल भी हैं।

सपा ने अमेठी से गायत्री प्रसाद प्रजापति, गौरीगंज से राकेश प्रताप सिंह, सलोन से आशा किशोर, सरेनी से देवेन्द्र प्रताप सिंह और उंचाहार से मनोज कुमार पांडेय को उम्मीदवार बनाया हे जबकि कांग्रेस ने बछरांवा से सुशील पासी को प्रत्याशी घोषित किया है।

दोनों दलों ने अभी तक अमेठी की तिलोई और जगदीशपुर तथा रायबरेली की हरचंदपुर सीट से प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है।

अब गेंद सपा के पाले में है। प्रत्याशियों के नाम उसे ही वापस लेने हैं। सपा के सामने दुविधा की हालत ये कि अमेठी सीट से पिछले चुनाव में जीते गायत्री प्रजापति सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के पसंदीदा प्रत्याशी हैं।

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