मायावती बोलीं- रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने किया सेना के पराक्रम का अपमान
लखनऊ: सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर पर आरोप लगाए हैं। माया ने सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय पूरी तरह से सेना को देने के बजाय पहले पीएम नरेन्द्र मोदी और अब आरएसएस को देने की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि ऐसा करके उन्होंने सेना के पराक्रम का अपमान किया है, जो अति-निन्दनीय है।
मायावती ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के लिये सेना की भूरि-भूरि प्रशंसा जरूरी है, लेकिन भाजपा व देश के रक्षा मंत्री श्री पर्रिकर और स्वयं पीएम द्वारा इसका श्रेय लेकर राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास करना ग़लत है। चुनाव में घोषित तौर पर बीजेपी द्वारा इसका चुनावी लाभ उठाने का प्रयास निन्दनीय है।
आरएसएस के लोग राजनीतिक उददेश्य से काम करते हैं
मायावती ने आगे कहा है कि आरएसएस एक सर्वमान्य संस्था नहीं है, क्योंकि इसका एजेण्डा घृणा व नफरत पर आधारित विभाजन व विघटनकारी है। इतना ही नहीं, अपने आपको सांस्कृतिक संस्था घोषित करने वाले आरएसएस के लोग हमेशा राजनीतिक उद्देश्य से ही काम करते हैं और चुनावों में भी अपनी खास मानसिकता के तहत एक पार्टी विशेष के लिये ताबड़-तोड़ काम करने का प्रयास करते हैं और अब तो इनके लोग खुले तौर पर बीजेपी व उसकी सरकार में शामिल हैं।
सर्जिकल स्ट्राइक पूरी तरह सैनिक कार्रवाई थी
बसपा मुखिया ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक की कार्रवाई पूरी तरह सैनिक कार्रवाई थी और इसका श्रेय सेना को नहीं देकर इसके नाम पर राजनीतिक रोटी सेंकने का प्रयास देशहित में नहीं है। सेना को उचित सम्मान व उसके पराक्रम पर उसको श्रेय व बधाई देकर उसके हौंसले को बुलन्द रखना सभी देशवासियों की खास जिम्मेदारी है। भाजपा के नेताओं व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के मंत्रियों को यह बात समझाने की जरूरत है।
देशभक्ति की आड़ में राजनीति की कोशिश में भाजपा एंड कंपनी
मायावती ने कहा कि वास्तव में भाजपा प्रदेश में अपनी खस्ताहाली व दयनीय स्थिति को लेकर परेशान है, जिस कारण वह देशभक्ति व राष्ट्रवाद के अविवादित विषय की आड़ में राजनीति करने की कोशिश भाजपा एण्ड कम्पनी (आरएसएस सहित) द्वारा की जा रही है। बल्कि इसी क्रम में भाजपा द्वारा दूसरी पार्टियों में तोड़-फोड़ करके उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करते रहने से भी यह साबित होता है कि प्रदेश के मामले में भाजपा कितनी ज्यादा हताश है।