DM के फर्जी हस्ताक्षर से चुनाव में तैनात अधिकारी का तबादला, प्रशासन में हड़कंप
पत्र में लिखा था कि उन पर प्रत्याशियों की मदद का आरोप था, और एडीएम द्वारा की गई जांच में उनकी पुष्टि हो गई है। पटेल ने जब डीएम कार्यालय से इसकी जानकारी की, तो एडीएम ने ऐसी किसी जांच की बात से ही इनकार किया।
कानपुर: डीएम के फ़र्ज़ी हस्ताक्षर से खंड शिक्षा अधिकारी के निलंबन की सिफारिश का मामला सामने आने पर डीएम ऑफिस में हड़कंप मचा हुआ है। निलंबन को लेकर जब खंड शिक्षा अधिकारी डीएम कार्यालय पहुंचे तो उन्हें पता चला कि कलेक्ट्रेट से ऐसी कोई सिफारिश नहीं भेजी गई है। अब सारे मामले की जांच के आदेश किये गये हैं।
फर्जी पत्र
-शिवराजपुर ब्लॉक में खंड शिक्षा अधिकारी और किदवई नगर तथा कैंट विधानसभा के एईआरओ देवेंद्र सिंह अपने निलंबन की सिफारिश पर हैरान थे।
-उनके निलंबन की संस्तुति का पत्र डीएम द्वारा जारी किया गया था।
-पत्र में लिखा था कि उन पर प्रत्याशियों की मदद का आरोप था, और एडीएम द्वारा की गई जांच में आरोपों की पुष्टि हो गई है।
-देवेंद्र पटेल को पता चला कि उन पर एक दल को फायदा पहुंचाने का आरोप था, जिसके बाद उनका तबादला गैर जिले में कर दिया गया है।
-पटेल ने जब डीएम कार्यालय से इसकी जानकारी की, तो एडीएम ने ऐसी किसी जांच की बात से ही इनकार किया।
-मामला खुलने पर पता चला कि डीएम के फ़र्ज़ी हस्ताक्षर से संस्तुति भेजी गयी है।
पहले भी मामले
-उप जिला निर्वाचन अधिकारी समीर वर्मा के मुताबिक डीएम के हस्ताक्षर से शासन को कोई रिपोर्ट भेजने का मामला प्रकाश में आया है।
-पहले एक अभियंता का मामला भी सामने आया था। कोई फर्जी हस्ताक्षर करके ऐसे पत्र भेज रहा है, जो गंभीर मामला है।
-मामला संज्ञान में आने के बाद अब यह जांच कराई जा रही है कि इसके पीछे कौन सा गैंग काम कर रहा है।
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