अर्थी पर लेटकर नामांकन करने आया ये प्रत्याशी, कहा- राखी बंधवा कर बहनों से मांगूगा वोट

शाहजहांपुर नगर विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मे वैधराज किशन ने अपना नामांकन कराया। लेकिन किशन का नामांकन पूरे शहर में चर्चा का विषय बना रहा।

Update: 2017-01-25 10:35 GMT

शाहजहांपुरः अभी तक आपने प्रत्याशियों को नामांकन कराने जाते हुए लग्जरी गाड़ियों में देखा होगा तो कभी बाइक पर जाते हुए देखा होगा। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे प्रत्याशी के बारे में बताएंगे जो अर्थी पर लेटकर अपना नामांकन कराने पहुंचा। हालांकि सुरक्षा कारणों के चलते खिरनीबाग चौराहे पर लगे बैरिकेडिंग के पास तैनात पुलिस ने प्रत्याशी को अर्थी से उतार दिया और उसके बाद ये प्रत्याशी अपने पैरों पर चल कर नामांकन कक्ष तक पहुंचा। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी ने कहा कि वह इस महीने में करीब एक लाख घरों की बहनो से राखी बंधवाकर वोट मांगेगे।

बता दें कि शाहजहांपुर नगर विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मे वैधराज किशन ने अपना नामांकन कराया। लेकिन किशन का नामांकन पूरे शहर में चर्चा का विषय बना रहा। क्योंकि वैधराज का नामांकन करने जाने का तरीका अनोखा था। वैधराज अपना नामांकन कराने के लिए अर्थी पर लेटकर गए। इस दौरान वह घंटाघर से होते हुए बहादुरगंज मार्केट से होते हुए खिरनीबाग मैदान तक पहुंचे। इस दौरान जिसकी भी नजर प्रत्याशी की अर्थी पर पङी तो कोई भी शख्स हसने से रोक नहीं पाया।

प्रत्याशी को पुलिस ने रोका

जब ये अर्थी खिरनीबाग मैदान पहुंची तो वहां पर लगे बैरिकेडिंग के पास मौजूद पुलिस कर्मियों ने अर्थी को कलेक्ट्रेट परिसर के पास जाने से मना कर दिया। इस दौरान पुलिस से प्रत्याशी की कुछ कहासुनी भी हुई। लेकिन पुलिस ने एक न सुनी और प्रत्याशी को अर्थी पर से उतरने को मजबूर कर दिया। उसके बाद वह नामांकन कक्ष तक पांच लोगों के साथ पहुंचे।

भैंस पर बैठ कर करा चुके हैं नामांकन

हालांकि जब बैरिकेडिंग के पास प्रत्याशी वैधराज किशन अर्थी से उतरे तो उसके बाद भी लोग उनको देखने के लिए उत्साहित थे। क्योंकि प्रत्याशी कफन के कपङो में थे। आपको बता दें कि वैधराज किशन इससे पहले लोकसभा का चुनाव लङ चुके है। उस वक्त भी नामांकन कराने वैधराज किशन भैंस पर बैठ कर गए थे।

क्या कहते हैं प्रत्याशी वैधराज?

वह अर्थी पर लेटकर इसलिए नामांकन कराने आए हैं क्योंकि इस वक्त जितने भी नेता है। उनके जमीर मर चुके हैं। मरने वालों पर वह राजनीति करते हैं उन नेताओं के दिलो से प्यार मर चुका है। इसलिए वह अर्थी पर लेटकर नामांकन कराने आए हैं। इससे जनता को एक मैसेज जाएगा कि आज के नेता मर चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह इस बार करीब एक लाख घरों में जाएंगे और वहां बहनों से राखी बंधवा कर उनसे वोट मांगेंगे।

 

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