बड़े दलों के वोट में सेंध लगाएंगे ये छोटे दल, मुस्लिम मतों के लिए पीस पार्टी-AIMIM पर नजर

जिले की 9 सीटों पर छोटे दल चुनाव जीतने में सक्षम तो नहीं हैं लेकिन वोट काटने में पूरी तरह सक्षम हैं। इन छोटे दलों का प्रभाव खास समुदाय पर होता हैं।

Update: 2017-01-20 05:43 GMT

गोरखपुरः यूपी विधानसभा चुनाव का आगाज हो चूका है। जबकि बड़े दलों में बसपा को छोड़ किसी भी पार्टी का उम्मीदवार फाइनल नहीं हैं। सपा के उम्मीदवारों की लिस्ट अभी दुविधा में हैं। छोटे दलों में एआईएमआईएम, जदयू, जनता दल, सीपीआई (एमएल)(एल) ने भी उम्मीदवारो की सूची घोषित नहीं की हैं। ये अलग बात है कि 2012 के चुनाव से तस्वीर में आई पीस पार्टी और उसके गठबंधन ने जरुर कुछ सीटों पर उम्मीदवार दिए हैं। बता दें कि गोरखपुर में छठवें चरण में 4 मार्च को वोटिंग होगी।

छोटे दल वोट काटने में हैं सक्षम

सियासी गणित को देखते हुए जिले की नौ सीटों पर छोटे दल चुनाव जीतने में सक्षम तो नहीं हैं लेकिन कुछ सीटों पर वोट काटने में पूरी तरह सक्षम हैं। इन छोटे दलों का प्रभाव खास समुदाय पर होता हैं। साल 2012 के चुनाव में चार सीट निकालने वाली पीस पार्टी ने गोरखपुर की नौ विधानसभा सीटों की चार सीटों में जमकर सेंधमारी भी की। जिससे बड़े दलों की सोच के विपरीत परिणाम काफी हद तक प्रभावित हुए थे।

पीस पार्टी के वोट बैंक में सेंधमारी है तय

इन छोटे दलों में गोरखपुर ग्रामीण से छेदी लाल ने 8490 वोट प्राप्त कर 5वां, सहजनवां से सुरेंद्र कुमार ने 16232 वोट प्राप्त कर 5वां, खजनी से 4736 वोट प्राप्त कर 5वां, चौरी चौरा में हरीलाल ने 9438 वोट प्राप्त कर 5वां स्थान पाया था। लेकिन इस बार सियासी गणित कुछ अलग ही हैं। बड़े दलों के वोट बैंक में सेंधमारी करने वाली पांचवी सबसे बड़ी पीस पार्टी के वोट बैंक में अबकी सेंधमारी तय हैं। बड़े दलों का वोट काटने का रुतबा हासिल कर चुकी पीस पार्टी के लिए ओवैसी की पार्टी मुस्लिम-दलित गठजोड़ के रूप में एक नया संकट लेकर आई है।

जिला स्तर पर है पार्टी कमजोर

साल 2008 में बनी पीस पार्टी का गोरखपुर में डा. अयूब के अलावा एक भी जनाधार वाला नेता नहीं है। ऐसे में ओवैसी की पार्टी एक नई मुसीबत की तरह आ खड़ी हुई है। हालंकि पार्टी ने नए दलों के साथ गठबंधन किया हैं। मंचो पर डा. अयूब और उनके गठबंधन के नेताओं ने सांसद योगी आदित्यनाथ पर आपत्तिजनक बातें कह कर लोकप्रियता हासिल करने की नाकाम कोशिश की थी। इसके अतिरिक्त जिला स्तर पर भी पार्टी कमजोर हैं।

हीरो बन कर उभरे ओवैसी

बीते सालों में मुस्लिम समाज में ओवैसी एक हीरो के तौर पर उभरे हैं। लोकप्रियता की बात की जाए तो ओवैसी की पार्टी पीस पार्टी से बहुत आगे हैं। ओवैसी की पार्टी ने साल भर पहले से हर मोहल्ले में सदस्यता अभियान चलाया था। जिसमें मुस्लिम समाज ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था। जबकि गोरखपुर ग्रामीण से पीस पार्टी गठबंधन मुस्लिम और निषाद वोटों के आधार पर जीत हासिल करने का ख्वाब देख रही हैं।

इसलिए पीस पार्टी ने निषाद पार्टी और महान दल के साथ गठबंधन कर गोरखपुर की पांच सीटों में गोरखपुर ग्रामीण से निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद, कैंपियरगंज से मोहम्मद मैनुदीन उर्फ चांद भाई, चौरी चौरा से देवेंद्र प्रताप सिंह, चिल्लूपार से योगेश मणि तिवारी, सहजनवां से एडवोकेट शिवाजी सिंह को मैदान में उतारा हैं।

पीस पार्टी और गठबंधन खजनी, चौरी-चोरा, सहजनवां व गोरखपुर ग्रामीण में ठीक-ठाक प्रदर्शन कर सकने में सक्षम हैं। वहीं ओवैसी की पार्टी मुस्लिम इलाकों गोरखपुर ग्रामीण व पिपराइच आदि क्षेत्रों पर फोकस कर रही हैं। पीस पार्टी से गठबंधन पर ओवैसी पार्टी ने साफ इंकार कर दिया हैं। लेकिन एक बात तो तय है कि पार्टी जीते या न जीते वोट तो जरुर काटेगी। एक बात और कि ओवैसी की पार्टी में असदुद्दीन और अकबरुद्दीन के अलावा कोई अन्य नेता ज्यादा लोकप्रिय नहीं हैं तो ऐसे में पूरी संभावना हैं कि ओवैसी बंधुओं की छवि ही उनकी पार्टी को वोट दिला सकती हैं।

जबकि 2012 में कैंपियरगंज से सीट निकालने वाली एनसीपी (जीते विधायक फ़तेह बहादुर सिंह,अब बीजेपी की शरण में), अपने गठबंधन जदयू, सीपीआई, जेडी के साथ न तो उलटफेर करने और न ही वोट बैंक में सेंध लगाने के काबिल हैं। पिछला विस चुनाव इसका उदाहरण हैं।

पिछले विस 2012 चुनाव में कुछ छोटे दलों का प्रदर्शन

कैंपियरगंज- कुल उम्मीदवार - 23/छोटे दल-11

1. सरवन कुमार - पीस पार्टी - 1547मत - 8वां स्थान

2. पंकज कुमार- जदयू- 276मत-20वां स्थान

पिपराइच - कुल उम्मीदवार- 30/छोटे दल-19

1. सुरेन्द्र कुमार-पीस पार्टी-1149मत- 9वां स्थान

2. मोईनुद्दीन-जदयू-2757मत-6वां स्थान

3. राजेश- सीपीआई (एमएल)(एल)-636मत-20वां स्थान

गोरखपुर शहर-कुल उम्मीदवार-31/छोटे दल-14

1. डा. विजय कुमार- पीस पार्टी- जदयू-2183मत-5वां स्थान

2.ललित कुमार बिहारी- जदयू-445मत- 16वां स्थान

गोरखपुर ग्रामीण-कुल उम्मीदवार-29/छोटे दल-19

1.छेदी लाल-पीस पार्टी-8490मत-5वां स्थान

2.अयोध्या- जदयू-242मत-29वां स्थान

सहजनवां-कुल उम्मीदवार-24/छोटे दल -10

1.सुरेंद्र कुमार-पीस पार्टी-16232मत-5वां स्थान

खजनी-कुल उम्मीदवार- 18/छोटे दल-10

1.शंभू-पीस पार्टी-4736मत-5वां स्थान

2.रामआशय-जदयू-457मत -18वां स्थान

3.श्यामचरन-सीपीआई(एमएल)(एल)-1163मत-11वां स्थान

चौरी चौरा-कुल उम्मीदवार-31/छोटे दल-8

1. हरीलाल-पीस पार्टी-9438 मत- 5वां स्थान

2.कुसुम सिंह-जदयू- 580मत-22वां स्थान

बांसगांव (सु)-कुल उम्मीदवार-16/छोटे दल-9

1.कुमार राजेश-पीस पार्टी- 1624 मत-8वां स्थान

2.इंद्रदेव-जदयू-248 मत-16वां स्थान

चिल्लूपार-कुल उम्मीदवार -19/छोटे दल-4

1. हरिशंकर तिवारी-एबीएलटीसी-45203मत-3वां स्थान

पीस पार्टी, जदयू ने नहीं लड़ा चुनाव

पीस पार्टी , निषाद पार्टी (निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल) और महान दल के गठबंधन ने (गठबंधन का नाम एनी यानी कि एलायंस फॉर इम्पावर ऑफ नेटिव इंडियन)रखा है। इस गठबंधन के तहत ताजा हालत में गोरखपुर जिले की पांच सीटों के प्रत्याशी की घोषणा की है।

-गोरखपुर ग्रामीण -- (निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ) डा. संजय निषाद

-कैंपियरगंज -- मोहम्मद मैनुदीन उर्फ चांद भाई

-चौरी चौरा -- देवेंद्र प्रताप सिंह

-चिल्लूपार -- योगेश मणि तिवारी

-सहजनवां -- एडवोकेट शिवाजी सिंह

जबकि एआईएमआईएम ने गोरखपुर ग्रमीण से मिर्जा दिलशाद बेग को खड़ा किया था, लेकिन बाद में पार्टी से निकाल दिया। पार्टी की इस सीट से चुनाव लड़ने की पूरी उम्मीद है।

 

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