नहर की मांग कर रहे ग्रामीणों का प्रदर्शन, कहा- मांग पूरी नहीं हुई तो नहीं देंगे किसी को वोट

कई चुनाव हुए और हर बार प्रत्याशियों ने जीतने के बाद नहर देने का वादा किया, लेकिन फिर कोई पलट कर नहीं आया। गांव वालों ने धमकी दी है कि इस बार अगर नहर का काम शुरू नहीं हुआ, तो वे किसी को भी वोट नहीं देंगे।

Update: 2017-02-19 14:26 GMT

इलाहाबाद: उत्तर प्रदेश में चुनावी सियासत का पारा हर चरण के मतदान के साथ रफ़्तार पकड़ता जा रहा है। इलाहाबाद के एक गांव के लोगों ने अपनी मांग पूरी न होने पर सभी राजनैतिक दलों के बहिष्कार का फैसला किया है। लोगों ने यहां नहर की मांग करते हुए बैनर लेकर प्रदर्शन किया।

नहर नहीं, तो वोट नहीं

गांव के लोगों का कहना है कि सिंचाई के लिए नहर न होने से उनकी फसलें सूख जाती हैं।

कई चुनाव हुए और हर बार प्रत्याशियों ने जीतने के बाद नहर देने का वादा किया, लेकिन फिर कोई पलट कर नहीं आया।

गांव वालों ने धमकी दी है कि इस बार अगर नहर का काम शुरू नहीं हुआ, तो वे किसी को भी वोट नहीं देंगे।

ग्रामीणों ने नहर की मांग करते हुए गांव में प्रदर्शन किय़ा।

ग्रामीणों का कहना है कि वोट देने के बाद भी गांव में विकास की तस्वीर नहीं बदली लिहाजा उनका भरोसा अब सियासी दलों से उठ चुका है।

इसलिये गांव वालों ने इस बार किसी भी प्रत्याशी के छलावे में न आने का फैसला किया है।

राजनीति में हड़कंप

इलाहबाद के यमुनापार इलाके की कोरांव विधानसभा क्षेत्र में पांच हजार आबादी वाला भोगन गांव नेताओं से नाराज है।

जिला मुख्यालय से महज 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस गांव में बुनियादी सुविधाएं न पहुंचने पर जनप्रतिनिधि चुप्पी साधे रहते हैं।

लेकिन गांव के इस फैसले से प्रशासनिक अमले सहित राजनीतिक दलों में हड़कंप है।

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