मकर संक्रांति पर आचार संहिता का उल्लंघन, खुलेआम बिकीं अखिलेश-मुलायम की तस्वीरों वाली पतंगें

Update:2017-01-14 19:08 IST

कानपुर: विधानसभा चुनावों के चलते प्रदेश में आचार संहिता लागू है, लेकिन इसके बावजूद पार्टियां इसकी धज्जियां उड़ा रही हैं। मकर संक्रांति के पर्व पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बनी पतंगें जमकर बांटी गईं। इन पतंगों के जरिए प्रदेश सरकार के विकास कार्यों का जमकर बखान किया गया। यह पतंगें दुकानदारों को राजनीतिक पार्टियों ने बांटी हैं, क्योंकि आचार सहिंता के कारण होर्डिंग, बैनर और वॉल प्रिंटिंग पर बैन लगा हुआ है। इसलिए पार्टी का प्रचार करने के लिए अब यह तरीका खोज निकाला है।

मकर संक्रांति के पर्व पर पतंग उड़ाने का चलन बहुत पुराना है, लेकिन सबसे खास बात यह है कि इस चुनावी माहौल में पतंगों का खेल इसलिए दिलचस्प हो गया है क्योंकि राजनीतिक पार्टियों ने इस पर दिलचस्पी दिखाई है। दुकानों पर खुलेआम नेताओं की तस्वीरों वालीं पतंगें बिक रही हैं। बच्चों और बड़ों ने भी अपने-अपने पसंद की नेताओं की पतंगें खरीदीं।

क्या बोले दुकानदार ?

दुकानदार लकी अली के मुताबिक, क्या करें साहब पेट का सवाल है। हमको राजनीतिक पार्टियां मुफ्त में यह पतंगें देकर गई हैं। तो मैंने भी सोचा कि जिसको खरीदना होगा खरीद लेगा। अखिलेश यादव और मुलायम सिंह की पतंग की कीमत 5 रुपए है जबकि पीएम नरेंद्र मोदी की पतंग 7 रुपए में बिकी। सबसे ज्यादा मोदीजी की पतंगे बिकी हैं।

'पतंग के जरिए प्रचार करना गलत'

वहीं, पतंग खरीदने आए बब्लू श्रीवास्तव के मुताबिक, चुनाव आयोग ने आचार संहिता लगाई है। जब आचार सहिंता लग जाती है तो नेताओं के होर्डिंग, पोस्टर और झंडें उतार लिए जाते हैं। सरकार जनता के सामने किसी भी तरीके से अपना प्रचार नहीं कर सकती है। इस काम के लिए पतंगों का सहारा लेना बिल्कुल गलत है। पतंग में खुलेआम अखिलेश यादव, मुलायम सिंह की तस्वीर लगी है। इसके साथ ही विकास कार्यों का बखान किया गया है। इसमें मेट्रो की उपलब्धि को भी दिखाया गया है।

क्या बोले पतंग खरीदने आए बच्चे ?

पतंग खरीदने आए बच्चे रिंकी और मासूम ने कहा कि जब हम पतंग खरीदने आए तो यहां पर अखिलेश अंकल और पीएम मोदी की पतंगे भी थीं। रिंकी ने कहा कि मैंने नरेन्द्र मोदी की पतंग खरीदी है तो वही मासूम ने कहा कि मुझे अखिलेश अंकल पसंद है मैं उनकी पतंग खरीद कर उड़ाउंगा।

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