150 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को कर दिया गया सेवामुक्त, ये है बड़ी वजह
जिले में 62 वर्ष की उम्र पूर्ण करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकत्री, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिकाओं पर गाज गिर गई है ।
बलिया । बाल विकास परियोजना में 62 वर्ष की उम्र पूर्ण करने वाली तकरीबन 150 आंगनबाड़ी कार्यकत्री , मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिकाओं को जोर का झटका लगा है । शासन के आदेश के क्रम में इनकी सेवा समाप्त कर दी गई है । इस कदम से विभाग में हड़कंप मच गया है ।
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जिला कार्यक्रम अधिकारी ने न्यूज़ट्रैक से की बात
बाल विकास परियोजना में 62 वर्ष की उम्र पूर्ण करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकत्री, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिकाओं को जोर का झटका लगा है । जिले में 62 वर्ष की उम्र पूर्ण करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकत्री, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिकाओं पर गाज गिर गई है । जिला कार्यक्रम अधिकारी सेराज अहमद ने आज न्यूजट्रैक से बताया कि 62 वर्ष की उम्र पूर्ण करने वाली तकरीबन 150 आंगनबाड़ी कार्यकत्री , मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिकाओं को सेवा मुक्त कर दिया गया है । यह कार्रवाई शासन के आदेश पर की गई है ।
इस शासनादेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई
दरअसल कई वर्ष पहले शासनादेश जारी हुआ था कि 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकत्री, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिकाओं को सेवा मुक्त कर दिया जाय । इस शासनादेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई । स्थगनादेश के कारण इस शासनादेश पर फौरी अमल नही हो सका । तकरीबन दो महीने पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दिया है । सेवा मुक्त करने के बाद इनके मानदेय भुगतान पर रोक की कार्रवाई विभाग ने आरम्भ कर दिया है । बाल विकास एवं पुष्टाहार अनुभाग से विभिन्न परियोजनाओं से सेवामुक्त किए गए कार्यकर्ताओं के मानदेय पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं ।
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सहायिकाओं में अफरातफरी मची हुई
जिला स्तर पर पीएफएमएस पोर्टल बंद होने के कारण मानदेय पर रोक लगाया जाना संभव नही रह गया है । इसलिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की सेवा समाप्त किए जाने के बाद मानदेय भुगतान पर रोक लगाने के लिए अपर निदेशक वित्त बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार को पत्र प्रेषित किया गया है। विभाग के इस कदम से आंगनबाड़ी कार्यकत्री , मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिकाओं में अफरातफरी मची हुई है । उल्लेखनीय है कि विभाग की विभिन्न परियोजनाओं में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकत्री , मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिका को केवल मानदेय ही मिलता रहा है । मानदेय के सहारे ही इनके परिवार का जीविकोपार्जन जुड़ा रहा है ।
रिपोर्टर -अनूप कुमार हेमकर, बलिया
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