2021 UP Incidents: यूपी की इन शर्मशार घटनाओं से हिली योगी सरकार, विपक्षियों ने उठाया फायदा
2021 Uttar Pradesh Incidents: मुख्यमंत्री योगी के कुशल नेतृत्व के बाद भी राज्य सरकार को विपक्ष के आरोपों को सामना करना पड़ा।
2021 Uttar Pradesh Incidents: उत्तर प्रदेश में लम्बे वनवास के बाद वर्ष 2017 में गठित हुई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व में चल रही भाजपा सरकार(BJP Government) के लिए यह साल भी चुनौतियों से भरा रहा है। मुख्यमंत्री योगी के कुशल नेतृत्व के बाद भी राज्य सरकार को विपक्ष के आरोपों को सामना करना पड़ा। कई जनहिट के कामों के बाद भी सरकार को विपक्ष के सामने परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
इस साल के शुरू में जब प्रदेश की योगी सरकार(Yogi Sarkar) को लगा कि अब उत्तर प्रदेश कोरोना (UP Coronavirus) से निजात पा चुका है। लेकिन मार्च में होली त्यौहार खत्म होते ही पूरे प्रदेश में कोरोना (Corona Second Wave) का कहर बढता गया। अस्पतालों में बेड कम पड़ गए आक्सीजन की कमी (Lack of Oxygen) के चलते न जाने कितने मरीजों की जान चली गयी। पूरे यूपी में जांच का काम भी ठप पड़ गया। हालात यह हो गयी कि राज्य सरकार को फिर से लॉकडाउन (UP Lockdown) लगाना पड़ गया।
भाजपा सरकार को घेरने के लिए विपक्ष तैयार
शराब से हुई मौतों पर सरकार की जमकर हुई किरकिरी इस साल शराब से हुई मौतों ने भी राज्य सरकार के लिए कई मुसीबतें खड़ी करने का काम किया। जनवरी में ही बुलन्दशहर में जहरीली शराब (up mein jehrili sharab) पीने से छह लोगों की मौत हो गयी।
इसके बाद मार्च में प्रयागराज में जहरीली शराब (Prayagraj mein jehrili sharab) पीकर 14 लोगों की मौत हो गई। इससे एक महीने पहले भी एक-एक करके 16 लोगों की मौत हुई थी। इससे प्रदेश की भाजपा सरकार को घेरने में विपक्ष ने कोई कोताही नहीं बरती। फिर अम्बेडकर नगर बदायूं चित्रकूट, प्रतापगढ में भी शराब से लोगों की जानें गयी।
पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान हुई मौतों (panchayat chunav mein shikshako ki maut) से सरकार आई विपक्ष के निशाने पर इस साल कोरोना की आहट के बीच ही पंचायत चुनावों भी कराए गए। जिसमें कई सरकारी विभागों के कर्मियों की ड्युटी के दौरान जान जाने की खबरें आई। कहा गया कि पंचायत चुनावो में उत्तर प्रदेश में 1600 से ज्यादा शिक्षकों (panchayat chunav mein shikshak ki maut) की मृत्यु हो गई। हांलाकि राज्य सरकार इससे इंकार करती रही।
इसके अलावा अमेठी के कस्तूरबा गांधी विद्यालय में तैनात एक शिक्षिका के एक दो नहीं, बल्कि 25 जनपदों में एक साथ काम करने का मामला भी खूब उछला। जिसे लेकर विपक्ष की तरफ से सरकार की खूब किरकिरी की गयी।
सहायक शिक्षक भर्ती मामले मंत्री के भाई की नियुक्ति पर मचा शोर
मई-जून महीने में ही में 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले (69,000 Assistant Teacher Recruitment Cases) में 5,844 सीटों पर धांधली का मामला खूब उछला। अभ्यर्थियों ने खूब धरना प्रदर्शन किए। अभ्यर्थियों ने भर्ती में आरक्षण घोटाले का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार से पूरी भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने की मांग की। इस दौरान विपक्ष ने भी इस पूरे मामले में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में कोइ कोर कसर नहीं छोड़ी।
बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई की नियुक्ति पर हुआ विवाद इसके अलावा इसी महीने बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई अरुण द्विवेदी ने सिद्धार्थ यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर के पद से भर्ती को लेकर खूब हो हल्ला हुआ। विपक्ष के जबरदस्त दबाव के चलते मंत्री के भाई को अपने पद से इस्तीफा देना पडा। बेसिक शिक्षा मंत्री सतीष द्विवेदी के भाई की गरीब कोटे से नियुक्ति की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुयी थी उन पर आरोप लगा कि शिक्षा मंत्री ने रसूख का इस्तेमाल करते हुए भाई की नियुक्ति ईडब्लूएस कोटे से करवाई थी।
हिल गई लखीमपुर काण्ड (Lakhimpur Kand) से प्रदेश सरकार इसके अलावा इसी साल अक्टूबर में लखीमपुर खीरी (lakhimpur violence) में उपद्रव के बाद हुई।
हिंसा में 4 किसान सहित 8 लोगों की मौत के मामले में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टैनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्र (Ashish Mishra) का नाम आने के बाद राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर रही। हाल यह है कि अभी भी इस माले की तपिश कम नहीं हुई है और विपक्ष लगातार सत्ता पक्ष पर हमलावर है।
टीईटी परीक्षा लीक (uptet paper leak) से हुई सरकार की छवि धूमिल इसके अलावा पिछले महीने उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद, उसे रद्द कर दिया गया है। परीक्षा दो शिफ्ट्स में कराई जानी थी। यूपी टीईटी परीक्षा(uptet paper leak) के लिए इस बार करीब 21 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इस परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद राज्य सरकार को काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा।