गोरखपुर: लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई को बम धमाकों और गोलीबारी से दहला दिया था। इस आतंकी हमले को 10 साल हो गए हैं लेकिन यह भारत के इतिहास का वो काला दिन है, जिसे कोई भूल नहीं सकता। हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
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आज भी इस घटना को ध्यान में रखते हुए पुरे देश में हाई अलर्ट रहता है। वही यूपी का गोरखपुर भी काफी संवेदनशील इलाका माना जाता है यहां से कुछ किलोमीटर की दुरी पर नेपाल में प्रवेश करने की सीमा है यहां से कोई भी विदेशी या संदिग्ध भारत में प्रवेश कर देश के किसी भी हिस्से में आ जा सकता है ऐसे में यहां की सुरक्षा भगवान भरोसे है। चाहे वो रेलवे स्टेशन हो, रोडवेज हो या फिर शहर का मुख्य बाजार कही पर भी हाई अलर्ट का असर दिखाई नहीं दे रहा है।
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गोरखपुर खुफ़िया एजेंसियों के लिए संवेदनशील शहर होने के साथ सीएम सिटी होने के बाद भी 26/11 की 10वीं वर्ष पर कोई अलर्ट दिखाई नहीं दे रहा है. पुलिस चाहे कितना भी दावा कर ले लेकिन जमीनी सच्चाई आप देख सकते है। चाहे वो रेलवे स्टेशन, बस अड्डा हो या गोरखपुर का दिल कहे जाने वाले गोलघर मार्केट कही पर सुरक्षा व्यवस्था नजर नहीं आ रहा है।
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भारत नेपाल खुली सीमा होने के बाद भी ऐसा कोई भी कदम जिला पुलिस ने नहीं उठाया है जिससे किसी अनहोनी से बचा जा सके। फिलहाल एसपी साऊथ अतुल कुमार श्रीवास्तव की माने तो जिला पुलिस अलर्ट पर है और वो भी मानते है की ये शहर काफी संवेदनशील है जिसको लेकर यहां के खुफिया तंत्र को भी अलर्ट पर रखा गया है।