UP में बीते 5 सालों में ऊर्जा विभाग को हुआ 35000 करोड़ का घाटा, बड़े शहरों में भी हो रही बिजली की भारी कटौती
Scam in UP Department: उत्तर प्रदेश का ऊर्जा विभाग गहरे संकट में है। आलम यह है कि अब राजधानी लखनऊ के कई इलाकों में चार से पांच घण्टे बिजली गुल रहने लगी है। वहीं जिला, तहसील व गांवों का हाल तो बताने लायक ही नहीं है। गांवों में 10 घण्टे, तहसीलों में 7-8 घण्टे व जिला स्तर पर 6-7 घण्टे बिजली कटौती का सिलसिला बीते कई हफ़्तों से जारी है। इसके पीछे एक बड़ी वजह कोयले की कमी व डिमांड का बढ़ना है। वहीं, यूपी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि हर साल विभाग को 7 हजार करोड़ रुपयों का घाटा हुआ है।
बीते 5 सालों में 35000 करोड़ का हुआ नुकसान
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि बिजली विभाग का नुकसान बहुत बढ़ गया है। जिसे जल्द से जल्द कम करना चाहिए। इसको लेकर विभाग को नीतियां बनाना चाहिए। बिजली खरीद को बढ़ाना चाहिए। उन्होंने बताया कि बीते कई सालों से हर वर्ष 7000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
शहरों में भी हो रही बिजली की कटौती
मौजूदा समय में यूपी के बड़े शहरों में भी लोग बिजली कटौती से परेशान हैं। गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ, मुरादाबाद, वाराणसी और गोरखपुर समेत कई जिलों में चार-पांच घण्टे की रोज़ाना कटौती हो रही है।
ज़रूरत के मुताबिक नहीं मिल रहा कोयला
उत्तर प्रदेश को मांग के अनुपात में 20-25 प्रतिशत कम कोयला मिल रहा है। इस वक़्त यूपी को 15-17 रैक कोयले की जरूरत है।
97000 करोड़ रुपये का है घाटा
पावर कारपोरेशन पर पहले से ही काफी बोझ है। दूसरा, इस गर्मी ने बढ़ा रखा है। जहां एक साल पहले तक कॉर्पोरेशन का घाटा 85,000 करोड़ रुपये था।