गुलजार हुआ स्टेशन, आंध्र प्रदेश से बाराबंकी पहुंचे 450 श्रमिक
बाराबंकी पहुंचे सभी मजदूरों ने बताया कि उनसे सफर का कोई किराया भी नहीं लिया गया। इनका कहना था कि वह अपनी घर वापसी के काफी खुश हैं और सरकार को बहुत धन्यवाद करते हैं।
बाराबंकीः आंध्र प्रदेश में काम कर रहे बाराबंकी, हरदोई और लखनऊ के 1220 मजदूरों की लंबे इंतजार के बाद आज आखिरकार घर वापसी हो गई। इनमें 450 बाराबंकी के, 250 हरदोई के और बाकी लखनऊ के लोग शामिल थे। इन लोगों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन बाराबंकी रेलवे स्टेशन पहुंची तो पुलिस और प्रशासनिक अमला फौरन हरकत में आ गया।
अधिकारियों का पूरा ध्यान श्रमिकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने और कोरोना से बचाव के सारे उपायों को लागू कराने पर रहा, इसको लेकर पुख्ता बंदोबस्त भी किये गए थे। चाहे रेलवे स्टेशन के अंदर हो या बाहर बस तक पहुंचना, श्रमिकों के बीच सोशल डिस्टेन्सिंग का सख्ती से पालन कराया गया। जिससे बाहर से आये लोगों से किसी तरह का संक्रमण न फैले। प्लेटफार्म के बाहर इन सभी मजदूरों को सुरक्षित इनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए बसें लगाई गई थीं। जिससे इन सभी को सुरक्षित रवाना किया गया।
खुशी और सुकून के वो क्षण
काफी दिनो से आन्ध्र प्रदेश से अपनी घर वापसी की आस लगाए बैठे मजदूर जब बाराबंकी रेलवे स्टेशन पहुंचे तो उनके चेहरे पर खुशी और सुकून का एहसास साफ देखा जा सकता था। और आखिर हो भी क्यों न, आखिर इतनी मुसीबतों को झेलने के बाद वे सभी अपने घर जो पहुंचने वाले थे। प्रशासन ने इस ट्रेन से घर आ रहे लोगों के लिए पुख्ता तैयारियां की थीं।
स्टेशन पर लगातार सैनेटाइजेशन के साथ स्वच्छता के सभी मापदंडों को पूरा किया गया। बाराबंकी पहुंचने वाले इन सभी अप्रवासी श्रमिकों का मेडिकल चेपअप किया गया। स्कैनिंग के बाद इन सभी को नाश्ते का पैकेट दिया गया।
किसी से नहीं लिया गया कोई किराया
स्टेशन पर बैरिकेटिंग के बीच से सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए इन्हे बाहर निकाला गया और इन सारी प्रक्रिया के बाद इन सभी को विशेष बसों द्वारा इनके घरों की ओर रवाना किया गया। जहां पर यह सभी लोग 14 दिन पर क्वारंटाइन होम में रहने के बाद अपने-अपने घर जाएंगे।
ट्रेन से बाराबंकी रेलवे स्टेशन पहुंचे श्रमिकों ने बताया कि उन्हें सफर के दौरान खाना दिया गया था। रेलवे कर्मी स्टॉपेज वाले स्टेशनों पर यात्रियों को शारीरिक दूरी बनाए रखने की सलाह दे रहे थे। सभी मजदूरों ने बताया कि उनसे सफर का कोई किराया भी नहीं लिया गया। इनका कहना था कि वह अपनी घर वापसी के काफी खुश हैं और सरकार को बहुत धन्यवाद करते हैं।