उत्तर प्रदेश में खुलेंगे 500 ई-यूपीएचसी, मिलेगी बेहतर सुविधा

देश को डिजिटल इंडिया बनाना पीएम नरेंद्र मोदी का सपना है। इसी के तहत यूपी में सत्ता पर काबिज योगी सरकार भी कार्य कर रही है।

Update: 2017-10-16 18:51 GMT

लखनऊ : देश को डिजिटल इंडिया बनाना पीएम नरेंद्र मोदी का सपना है। इसी के तहत यूपी में सत्ता पर काबिज योगी सरकार भी कार्य कर रही है। शिक्षा व्यवस्था, ट्रांसपोर्ट, सभी सरकारी विभागों से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं को भी ऑनलाइन करने पर जोर दिया जा रहा है। योगी सरकार 500 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (यूपीएचसी) को डिजिटल करने जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा कि अगले साल तक 500 ई-यूपीएचसी को तैयार करने की योजना बनाई जा रही है। इसके लिए शासन स्तर पर बातचीत चल रही है।

'स्वास्थ्य आपके घर' मुहिम की शुरुआत स्वास्थ्य सेवाओं की डिजिटलीकरण के माध्यम से हो चुकी है। प्रदेश में अब तक 3 ई-यूपीएचसी खुल चुके हैं। जिसमें लखनऊ में दो और इलाहाबाद में एक है। इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए हेल्थ मिनिस्टर रोजाना बयान देते रहते हैं।

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प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में ये सुविधाएं मिलने की संभावना

- गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज टेलीमेडिसिन के जरिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह जल्दी से जल्दी प्राप्त कर सकेंगे।

- प्रदेश के सभी प्राथमिक हेल्थ सेंटर को बायोमेट्रिक करने की तैयारी है जिससे केंद्रों पर कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन द्वारा होनी शुरू हो जाएगी।

- यह ई-यूपीएचसी पूरी तरह से ऑनलाइन होंगे उसके अलावा सभी तरह के रोगों का इलाज होगा।

- जिस तरह से प्राइवेट अस्पतालों में सुविधाएं होती है उसी तरह सरकारी चिकित्सालय को भी विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है।

- ई-यूपीएचसी पर मरीजों की सभी आवश्यक जांच के साथ ही बेहतर इलाज की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

- चिकित्सक गंभीर स्थिति में आंध्र प्रदेश के बड़े चिकित्सकों से सलाह ले कर मरीज का इलाज कर सकेंगे।

- केजीएमयू में टेलीमेडिसिन को जोड़ने पर भी विचार किया जा रहा है।

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