सावधान: 69 हजार शिक्षक भर्ती मामलें में आया नाय मोड़, अब होगा ये फैसला

यूपी के प्राथमिक विद्यालयों में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती मामलें में एक के बाद एक अडंगे आ रहे है। कोर्ट-कचहरी में फंसने के बाद अब राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने यूपी के प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा और परीक्षा नियामक प्राधिकार सचिव को नोटिस जारी कर आगामी 07 जुलाई को सुबह 11 बजे तलब किया है।

Update: 2020-07-02 08:21 GMT
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लखनऊ: यूपी के प्राथमिक विद्यालयों में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती मामलें में एक के बाद एक अडंगे आ रहे है। कोर्ट-कचहरी में फंसने के बाद अब राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने यूपी के प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा और परीक्षा नियामक प्राधिकार सचिव को नोटिस जारी कर आगामी 07 जुलाई को सुबह 11 बजे तलब किया है। जबकि 07 जुलाई को ही इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच में भी इस भर्ती परीक्षा की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर भी सुनवाई होगी।

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आयोग द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है

आयोग द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि अनुच्छेद-338 बी के तहत आयोग को इस मामले में हस्तक्षेप करने का संवैधानिक अधिकार है। तलब किए गए अधिकारियों को स्वयं पेश होना होगा और इस मामलें में अब तक हुई जांच की रिपोर्ट और इस मामले में विभाग किस दिशा में काम कर रहा है समेत सभी तथ्यात्मक जानकारियां व दस्तावेज साथ लानी होंगी। आयोग में इस मामले की सुनवाई राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष डा. लोकेश प्रजापति करेंगे।

एटा सांसद राजबीर सिंह, सीतापुर सदर विधायक राकेश राठौड़ और अपना दल के पूर्व अध्यक्ष आशीष सिंह पटेल ने इस भर्ती में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण उल्लंघन का आरोप लगाया था।

सर्वोच्च न्यायालय ने 69,000 शिक्षकों की भर्ती मामलें को सुनने से मना कर दिया

आपको बता दे कि बीती 24 जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय ने 69,000 शिक्षकों की भर्ती मामलें को सुनने से इंकार करके यूपी सरकार को बड़ी राहत दी थी। इस मामलें में उच्च न्यायालय द्वारा प्रश्रपत्र को यूजीसी पैनल को न भेजने के डबल बेंच फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई से इंकार करते हुए याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय में अपील करने की सलाह दी थी। इसके अलावा इस भर्ती मामले में अजय कुमार ओझा तथा उदयभान चैधरी की ओर से इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच में दायर याचिका की सुनवाई भी आगामी 07 जुलाई को ही होगी।

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इस याचिका में कहा गया है कि 06 जनवरी 2019 को इस परीक्षा के बाद पेपर लीक के संबंध में एसटीएफ तथा केंद्र अधीक्षकों द्वारा प्रदेश के कई स्थानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं, जिससे व्यापक स्तर पर पर्चा लीक होने की बात साबित होती है। आज भी एसटीएफ इस केस में विवेचना कर रहा है। याचिका में परीक्षा को निरस्त करने तथा एसटीएफ पर सरकार के दवाब में काम करने के आधार पर सीबीआई जांच कराये जाने की प्रार्थना की गयी है।

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