Gorakhpur News: दरोगा की मुफ्त में नहीं बनाई बाइक, 25 वर्ष झेलना पड़ा अपराधी का कलंक
Gorakhpur News: दिनेश की जिंदगी ही इन 25 वर्षों में बदल गई। निर्दोष होने के बाद भी उन्हें जेल जाना पड़ा। कोर्ट से खुद को निर्दोष साबित कराने में पूरी जवानी चली गई।;
दिनेश यादव को 25 वर्ष तक अपराधी होने का कलंक झेलना पड़ा (photo: social media )
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पुलिस वालों की करतूत के चलते एक व्यक्ति को 25 साल तक अपराधी होने का कलंक माथे पर लेकर चलना पड़ा। झंगहा इलाके के महुअवारी गांव के दिनेश यादव की गलती सिर्फ इतनी थी कि 1999 में उन्होंने एक दरोगा की बाइक फ्री में नहीं बनवाई थी। इसका खामियाजा उन्हें 25 वर्ष तक माथे पर अपराधी होने के कलंक के साथ जीकर भुगतना पड़ा।
दिनेश की जिंदगी ही इन 25 वर्षों में बदल गई। निर्दोष होने के बाद भी उन्हें जेल जाना पड़ा। बीच में मां ने साथ छोड़ दिया। कोर्ट से खुद को निर्दोष साबित कराने में पूरी जवानी चली गई। 24 से 25 वर्ष की उम्र में जेल गए दिनेश के माथे से अपराधी होने का कलंक अब हटा है, अब उनकी उम्र करीब 50 वर्ष है। दरअसल, 1993 में बौठा गांव में हुए नरसंहार में 17 लोगों की हत्या हुई थी। इस मामले में वांछित तीन आरोपित फरार थे, जिसकी तलाश पुलिस 1999 में भी कर रही थी। इसी बीच दरोगा कमरुल अपनी बाइक बनवाने के लिए मैकेनिक दिनेश के पास गए थे। दिनेश ने बाइक मरम्मत का रुपया दरोगा जी से मांग लिया। इससे वह काफी नाराज हो गए। क्योंकि, फरार आरोपित दिनेश के यहां पर बाइक बनवाने घटना से पहले आते थे, इसे आधार बनाते हुए दरोगा ने दिनेश को हिरासत में ले लिया। दिनेश बताते हैं, तीन दिन तक थाने में मारने पीटने के बाद बड़हलगंज के राजेंद्र के बंदूक को लेकर आए और फिर राजेंद्र को चरस में जेल भेज दिए।
अगले दिन एक कहानी गढ़ी गई। पुलिस ने फर्द लिखा कि मुखबिर की सूचना पर कुसम्ही से देवरिया जाने वाले कच्चे मार्ग पर तलाशी कर रहे थे और दिनेश यादव अवैध असलहे के साथ पकड़ा गया। पुलिस ने इसी थ्योरी पर दिनेश को जेल भेज दिया। करीब 25 दिन जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर आए दिनेश यादव कोर्ट गए और फिर खुद को बेगुनाह साबित करने की लड़ाई लड़ी।
कोर्ट ने गंभीरता से लिया मामला
कोर्ट ने भी इसे गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने खोराबार के तत्कालीन थानेदार कमरुल हसन, बड़हलगंज थानेदार रहे बीके श्रीवास्तव व झंगहा के अभय शंकर तिवारी पर कार्रवाई के लिए डीजीपी को पत्र भेजा है। अब इन तीनों पर कार्रवाई के लिए इनकी फाइलें खंगाली जा रही है। लेकिन, वर्तमान में यह कहां हैं या फिर जिंदा हैं भी या नहीं? इससे पुलिस महकमा भी बेखबर है।