69000 Assistant Teacher Recruitment: आरक्षण पीड़ितों नें पीएमओ को मेल कर लगाई न्याय की गुहार

69000 Assistant Teacher Recruitment: ईमेल के माध्यम से अवगत कराया है कि इस भर्ती में 19000 सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है।

Written By :  Anant kumar shukla
Update:2023-09-12 16:14 IST

69000 Assistant Teacher Recruitment (Photo-Social Media)

69000 Assistant Teacher Recruitment: 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह को पत्र एवं ईमेल के माध्यम से अवगत कराया है कि इस भर्ती में 19000 सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है। वह पिछले तीन साल से न्याय मांग रहे हैं लेकिन आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को इस भर्ती में न्याय नहीं दिया जा रहा।

पीएमओ कार्यालय को भी पत्र एवं ईमेल के माध्यम से अवगत कराया है कि इस भर्ती में 19000 सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है। ओबीसी वर्ग को 27% की जगह मात्र 3.80% आरक्षण तथा एससी वर्ग को 21% की जगह सिर्फ 16.2% ही आरक्षण दिया गया है। इस प्रकार इस भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का घोर उल्लंघन किया गया है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग नई दिल्ली द्वारा 29 अप्रैल 2021 को जारी की गई अपनी रिपोर्ट में भी इस भर्ती में आरक्षण घोटाला स्वीकार किया है तथा दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की लेकिन आज तक उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ना तो राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को माना गया और ना ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई।

पीएमओ कार्यालय को भेजे मेल

पीएमओ कार्यालय को भेजे गए पत्र एवं ईमेल में आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों द्वारा कहा गया है कि वह इस भर्ती में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले को लेकर आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश में कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह तथा बेसिक शिक्षा विभाग के सभी बड़े अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं। लेकिन उन्हें न्याय नहीं दिया जा रहा ।

आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने पीएमओ कार्यालय नई दिल्ली को पत्र एवं ईमेल भेजकर अनुरोध किया है कि उन्हें इस भर्ती में महेंद्र पाल बनाम उत्तर प्रदेश सरकार मे याचिका संख्या 172/2023 मे 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले में न्याय दिया जाए अन्यथा की स्थिति में जितने भी अभ्यर्थी लखनऊ हाई कोर्ट में याची बनकर अपने न्याय के लिए लड़ रहे हैं। उन सभी आरक्षण पीड़ित याचियो को उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ हाईकोर्ट में याची लाभ देने के लिए पहल करें। तभी आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को न्याय मिल सकता है तथा 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले का मुद्दा पूरी तरह से हाई कोर्ट से निस्तारित हो सकता है ।

पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश चौधरी का स्पष्ट रूप से कहना है की लखनऊ हाई कोर्ट ने 13 मार्च 2023 को अपने दिए गए आदेश में 69000 शिक्षक भर्ती की पूरी लिस्ट को रद्द कर दिया है। 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की पूरी लिस्ट को दोबारा से अभ्यर्थियों के गुणांक, कैटेगरी, सब कैटेगरी के कॉलम में मूल चयन सूची के रूप में बनाने का आदेश दिया है। आदेश के आज 5 महीने से अधिक का समय बीत गया सरकार ने हाई कोर्ट सिंगल बेंच के दिए गए 3 महीने के आदेश की समय सीमा को पार कर हाई कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है। ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चाहिए की बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव प्रताप सिंह बघेल के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके।

11 सितंबर को होनी थी सुनवाई

सोमवार को लखनऊ हाई कोर्ट डबल बेंच में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले को लेकर सुनवाई होनी थी। लेकिन अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते सुनवाई नहीं हो सकी अब यह सुनवाई 15 सितंबर को निर्धारित की गई है अब ऐसी स्थिति में उत्तर प्रदेश सरकार को चाहिए कि लखनऊ हाई कोर्ट में जितने भी आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी न्याय के लिए लड़ रहे हैं उन सभी आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को याची लाभ देकर इस मामले का निस्तारण किया जाए ।

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