Lucknow News: UP जल निगम कर्मचारियों का तीन दिवसीय धरना: प्रमुख मांगों को लेकर कर्मचारियों और पेंशनर्स ने किया विरोध प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश जल निगम के कर्मचारियों और पेंशनर्स द्वारा जल निगम मुख्यालय पर तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। जो आज तीसरे दिन भी जारी रहा।;
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Lucknow News: उत्तर प्रदेश जल निगम के कर्मचारियों और पेंशनर्स द्वारा जल निगम मुख्यालय पर तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। जो आज तीसरे दिन भी जारी रहा। इस धरने का नेतृत्व पूर्वांचल और बुंदेलखंड अंचल के जल निगम कर्मियों और पेंशनर्स द्वारा किया जा रहा है। धरने का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों के लंबित मुद्दों का समाधान और जल निगम में हो रहे असंवैधानिक निर्णयों के खिलाफ विरोध जताना था।
धरने के दौरान महासचिव ई० एके सिंह ने जल निगम में 9 वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ न मिलने, महंगाई भत्ते में कमी और मृतक आश्रित अनुकंपा नियुक्तियों के मामले में हो रही देरी को लेकर सरकार और जल निगम प्रशासन की कड़ी आलोचना की। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के बीच आक्रोश और असंतोष का माहौल बन चुका है, और इन मुद्दों का शीघ्र समाधान किया जाना चाहिए।
पूर्व प्रबंध निदेशक का विभाजन पर बयान
जल निगम के पूर्व प्रबंध निदेशक और संघर्ष मोर्चा के सलाहकार ई० अनूप कुमार सक्सेना ने वर्ष 2021 में जल निगम के विभाजन को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसे पूरी तरह विफल करार दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि जल निगम (नगरीय और ग्रामीण) को फिर से एकीकृत किया जाए ताकि कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान हो सके। तो वहीं एकीकृत संघर्ष मोर्चा के उपाध्यक्ष राम सनेही यादव ने फील्ड कर्मचारियों के साथ हो रहे असंवैधानिक व्यवहार और उनके अधिकारों की अनदेखी पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने 2011 से फील्ड कर्मचारियों के 4141 पदों को नियमित करने के आदेश को निरस्त करने की मांग की।
पेंशनर्स के लिए नई मांगें
एकीकृत संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय अध्यक्ष इं० सैय्यद अतहर कादिरी ने शासन और जल निगम (नगरीय) प्रशासन से तत्काल समाधान की अपील की। उन्होंने कहा कि समस्या पत्र में उल्लेखित सभी मुद्दों पर गंभीर विचार किया जाए और शीघ्र समाधान निकाला जाए। तो वहीं ई० आरके सिंह चौहन संघर्ष मोर्चा के सलाहकार ने उत्तर प्रदेश जल निगम के पेंशनर्स के लिए पेंशन के भुगतान की व्यवस्था को पावर कारपोरेशन की तरह ट्रेजरी से दिए जाने की मांग की। वहीं, इं० एके पुरवार ने जल निगम में कैशलेश चिकित्सा भत्ता लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया।