शासनादेश जारी करने की प्रकिया में खामी के आरोपों पर कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में राज्य सरकार से क्वालिफाइंग मार्क्स तय करने के संबध में 7 जनवरी 2019 के शासनादेश केा जारी करने की प्रकिया के बावत जवाब तलब किया है। कोर्ट ने मूल पत्रावली में पेज 42 व 43 के चिपकाये जाने पर गंभीर संदेह प्रकट किया है और इस बारे में भी स्पष्टीकरण मांगा है।
लखनऊ : इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में राज्य सरकार से क्वालिफाइंग मार्क्स तय करने के संबध में 7 जनवरी 2019 के शासनादेश केा जारी करने की प्रकिया के बावत जवाब तलब किया है। कोर्ट ने मूल पत्रावली में पेज 42 व 43 के चिपकाये जाने पर गंभीर संदेह प्रकट किया है और इस बारे में भी स्पष्टीकरण मांगा है।
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कोर्ट ने कहा कि यदि अगली तारीख पर इसका संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता तो इसकी फोरंसिंक जांच करायी जा सकती है। मामले की अगली सुनवायी 20 फरवरी को होगी।
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यह आदेश जस्टिस राजेश सिंह चैहान की बेंच ने मो0 रिजवान व अन्य की ओर से दायर रिट याचिकाअेां पर पारित किया। इन याचिकाअेां पर पिछले कई दिनेां से सुनवायी चल रही है। कोर्ट के आदेश से 6 जनवरी 2019 केा करायी गयी लिखित परीक्षा का परिणाम लटका पड़ा है।
दरअसल सुनवायी के दौरान कहा गया कि 7 जनवरी 2019 के जिस शासनादेश से 60 व 65 प्रतिशत क्वालिफाइंग माक्र्स नियत किया गया है उसके पारित करने में नियमों की अनदेखी की गयी है लिहाजा उक्त शासनादेश ही गलत है।