Lucknow News : निजीकरण के विरोध में 17 को आगरा और 22 को लखनऊ में होगी बिजली पंचायत, रणनीति तैयार
Lucknow News : विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बिजली के निजीकरण के विरोध में सीधे आम जनता के बीच जाकर व्यापक जनसंपर्क की रणनीति तैयार की है।
Lucknow News : विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बिजली के निजीकरण के विरोध में सीधे आम जनता के बीच जाकर व्यापक जनसंपर्क की रणनीति तैयार की है। संघर्ष समिति का कहना है कि पावर कारपोरेशन द्वारा घाटे के आंकड़े एवं एटी एंड सी हानियों को बढ़ा-चढ़ा कर बताने के पीछे मंशा क्या है? यह बात भी जनता के बीच उजागर की जाएगी। संघर्ष समिति ने 17 दिसंबर को होने वाली आगरा में बिजली पंचायत और 22 दिसंबर को राजधानी लखनऊ में होने वाली विशाल बिजली पंचायत की रूपरेखा और रणनीति की तैयारी की। संघर्ष समिति ने बिजली कर्मियों से अपील की है कि 15 दिसंबर से शुरू हो रहे सरकार के ओ टी एस अभियान को सफल बनाने में पूरी तरह जुट जाएं।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने 19 दिसंबर को काकोरी के अमर शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, ठाकुर रोशन सिंह और राजेंद्र लाहिड़ी के बलिदान दिवस के अवसर पर होने वाले "शहीदों के सपनों का भारत बनाओ - बिजली का निजीकरण हटाओ" अभियान की रणनीति भी तैयार की। 19 दिसम्बर को यह कार्यक्रम देश के तमाम 27 लाख बिजली कर्मी सभी प्रांतों में जनपद एवं परियोजना मुख्यालयों पर करेंगे।
सुधार और संघर्ष हमारा मूल मंत्र
संघर्ष समिति ने कहा कि सुधार हमेशा से संघर्ष समिति का प्राथमिक कर्तव्य रहा है। इसलिए ओटीएस की सफलता के लिए बिजली कर्मी पूरी शक्ति से जुट जाएं। उन्होंने कहा कि "सुधार और संघर्ष" हमारा मूल मंत्र है ।केस्को में इसी मंत्र से सफलता प्राप्त हुई। एक बार फिर इसी मंत्र को अंगीकृत कर हम सुधार में भी लगेंगे और कार्यालय समय के उपरान्त निजीकरण के विरोध में संघर्ष भी जारी रहेगा।
संघर्ष समिति ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में पॉवर कारपोरेशन के आंकड़े के अनुसार वर्ष 2023-24 में ए टी एंड सी हानियां 25.26 प्रतिशत हैं, जबकि पता चला है कि आर एफ पी डॉक्यूमेंट में 49.32 प्रतिशत हानियां बताई गई है। इसी प्रकार दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में वर्ष 2023-24 में ए टी एंड सी हानियां 22.75 प्रतिशत हैं, जबकि आर एफ पी डॉक्यूमेंट में यह हानियां 34.33 प्रतिशत बताई गई हैं। वर्ष 2010 में जब आगरा शहर टोरेंट पावर कंपनी को दिया गया था तब भी आगरा में 54 प्रतिशत हानियां बताइ गई थी और इस कारण हुए करार का दुष्परिणाम आज भी पॉवर कारपोरेशन भुगत रहा है।
पूर्वांचल में बड़े घोटाले की तैयारी
आगरा में वर्ष 2023-24 में पॉवर कारपोरेशन ने 5.55 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदकर टोरेंट पावर कंपनी को 4.36 रुपए प्रति यूनिट में बेचा और मात्र एक वर्ष में 275 करोड़ रुपए का नुकसान उठाया। विगत 14 वर्षों में पॉवर कारपोरेशन आगरा में टोरेंट पावर कंपनी को खरीद से कम मूल्य पर बिजली देने मे 2434 करोड़ रुपए का नुकसान उठा चुकी है। संघर्ष समिति ने चेताया कि अब पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण में इससे भी बड़ा घोटाला करने की तैयारी है जिसका दुष्परिणाम आम उपभोक्ताओं को बिजली की बेतहाशा बड़ी दरों से चुकाना पड़ेगा।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि वह प्रदेश के 75 में से 42 जनपदों की बिजली आपूर्ति निजी हाथों में देने के लिए इतना ज्यादा उत्साहित है कि ओ टी एस की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठकों में ओ टी एस की बात करने के बजाय कर्मचारियों में भय पैदाकर निजीकरण का विरोध करने पर बर्खास्त करने की धमकी दी जा रही है। ऐसा लगता है कि मानों शक्ति भवन प्रबन्धन के पास निजीकरण के अलावा अब और कोई एजेंडा नहीं है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में एमडी के साथ साथ निदेशक कार्मिक का रवैया भी संदेह के घेरे में है। संघर्ष समिति सुधार के साथ निजीकरण के पीछे होने वाले मेगा घोटाले को भी आम उपभोक्ताओं और बिजली पंचायत में रखेगी।