UP News : 69000 शिक्षक भर्ती मामला, नियुक्ति को लेकर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन

69000 शिक्षक भर्ती में खाली पड़े 22000 रिक्तियों को जोड़ने की मांग को लेकर प्रदेशभर से आए अभ्यर्थी लखनऊ स्थित एससीईआरटी कार्यालय पर धरना दे रहे हैं।

Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Update: 2021-06-21 08:56 GMT

SCERT ऑफिस पर धरना दे रहे अभ्यर्थी, सोशल मीडिया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती (69000 teacher recruitment) तमाम विवादों में रही है, पहले भर्ती प्रक्रिया अटकती रही फिर जब शिक्षकों की नियुक्ति (appointment of teachers) का रास्ता साफ हुआ तो आरक्षण को लेकर विवाद शुरू हो गया। भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण की अनदेखी के मामले को लेकर ओबीसी और एससी (OBC, SC) वर्ग के अभ्यर्थी को आपत्ति है। वहीं दूसरी तरफ इस भर्ती में 22000 रिक्तियों को जोड़ने की मांग को लेकर आज (सोमवार) को प्रदेशभर से अभ्यर्थी लखनऊ स्थित स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (SCERT Office) पर धरना दे रहे हैं।

धरना दे रहे अभ्यर्थियों की मांग है कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में खाली पड़े 22000 पदों को जोड़ा जाए। उनका आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी उनकी नियुक्ति नहीं हो रही है। अभ्यर्थियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। प्रदेशभर से धरना देने पहुंचे अभ्यर्थी बैनर पोस्टर्स लेकर पहुंचे हैं जिसमें लिखा है...'योग्यता है लाचार, योगीजी सुनो पुकार', 'लाखों सीटें खाली हैं फिर भी क्यों लाचारी है', '1.37 लाख शिक्षक भर्ती को पूरा करे सरकार' ।

रिक्त पदों को भरने की तैयारी शुरू

वहीं बेसिक शिक्षा परिषद में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में रिक्त रहे पदों पर प्रतीक्षा सूची से भरा जाएगा। करीब 5 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को 30 जून को नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बाद शासन ने कार्यक्रम जारी किया है। एनआईसी की ओर से चयन और जिला आवंटन की सूची 26 जून को जारी की जाएगी। 28 से 29 जून तक जिलों में काउंसलिंग और दस्तावेजों की जांच होगी। 30 जून को नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे।

भर्ती आरक्षण में गड़बड़ी का आरोप

बता दें कि शिक्षक भर्ती आरक्षण की गड़बड़ी के आरोपों को लेकर भी चर्चा में आ चुकी है। अभ्यर्थियों का कहना था कि यदि प्रदेश सरकार ने जल्द जांच करवाकर चयन से बाहर हो गए पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी गई। अभ्यर्थियों का आरोप था कि 69000 शिक्षक भर्ती में पिछड़े अभ्यर्थियों के लगभग 6000 पदों पर घोटाला हुआ है। 2019 में आयोजित इस भर्ती प्रक्रिया में कई लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे, जिसमें से लगभग एक लाख 40 हजार अभ्यर्थी पास हुए थे।

55 अभ्यर्थियों ने मांगी थी इच्छा मृत्यु

बीते सात जून को इसी मांग को लेकर कई अभ्यर्थियों ने वर्चुअल धरना दिया था और सरकार से न्याय की गुहार लगाई थी। 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में ओबीसी और एससी वर्ग के 55 अभ्यर्थियों ने राज्यपाल और राष्ट्रपति को पत्र लिख इच्छा मृत्यु की मांग की थी। उनका आरोप था कि भर्ती में आरक्षण प्रक्रिया में बड़ा घोटाला हुआ है और इसकी शिकायत राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग से की गई है।

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