Sonbhadra News: छत्तीसगढ़ में ब्याही महिला सोनभद्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ती चयनित, की गई शिकायत तो पीड़िता का निरस्त कर दिया आय प्रमाण पत्र
Sonbhadra News: इस मामले में जिलाधिकारी से गुहार लगाई गई है। लगातार लगाए जा रहे आरोप, पूर्व में वायरल हो चुके कथित ऑडियो जैसे मामलों पर आखिर में विभाग की तरफ से क्या ऐक्शन आता है, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।;
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Sonbhadra News: सोनभद्र । आंगनबाड़ी कार्यकर्ती चयन को लेकर उठ रहे सवाल और लगाए जा रहे आरोपों के बीच एक और बड़ा मामला सामने आया है। बभनी ब्लाक से जुड़े इस प्रकरण को लेकर दावा किया जा रहा है कि बभनी ब्लाक के एक गांव में एक ऐसी महिला का आंगनबाड़ी कार्यकर्ती को प्रथम वरीयता देते हुए चयन कर लिया गया जिसकी शादी चार साल पूर्व ही छत्तीसगढ़ में की जा चुकी है।
इससे भी बड़ा आरोप है कि यह है कि जब इससे प्रभावित महिला शिकायत लेकर पहुंची तो जांच के दौरान, संबंधित राजस्व कर्मी/अधिकारी की तरफ से शिकायत करने वाली महिला का ही आय प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया गया। अब इस मामले में जिलाधिकारी से गुहार लगाई गई है। लगातार लगाए जा रहे आरोप, पूर्व में वायरल हो चुके कथित ऑडियो जैसे मामलों पर आखिर में विभाग की तरफ से क्या ऐक्शन आता है, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
बताते चलें कि बाल विकास निदेशालय से जहां 12 अप्रैल तक हर हाल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ती चयन प्रक्रिया पूर्ण कर लेने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, जिले में प्रथम-द्वितीय वरीयता सूची जारी होने के बाद से ही, गड़बड़ी बरते जाने का आरोप लगाए जा रहे हैं। राबटर्सगंज ब्लाक के मारकुंडी में हुई चयन प्रक्रिया को लेकर जहां कथित दो ऑडियो वायरल हो चुका है। वहीं, कभी ईडब्ल्यूएस कोटा की अनदेखी तो कभी कुछ और गड़बडियों को लगातार आरोप लगाए जाने का क्रम जारी है। इसी कड़ी में अब बभनी ब्लाक से बड़ी शिकायत सामने आई है। प्रकरण को लेकर मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर की गई शिकायत में पीड़िता की तरफ से कई गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं।
तहसीलदार और लेखपाल की भूमिका पर भी उठाए गए हैं सवाल:‘
बभनी ब्लाक के असनहर गांव की रहने वाली बबीता गुप्ता पत्नी नरेश कुमार की तरफ से जिलाधिकारी कार्यालय में उपलब्ध कराई गई शिकायत में कहा गया है कि उसे आगंनवाड़ी भर्ती में दूसरे स्थान पर वरीयता प्रदान की गई है। पहले स्थान पर जिसे वरीयता दी गई है, उसकी शादी चार वर्ष पूर्व छत्तीसगढ़ के प्रतापपुर एरिया में हो चुकी है। शादी के बाद दो बच्चे होने का भी दावा किया गया है। आरोप लगया है कि संबंधित लेखपाल की तरफ से बगैर किसी जांच पड़ताल के सोनभद्र का आय-निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। प्रथम स्थान पर चयनित अभ्यर्थी को प्रधान की पुत्री होने का भी दावा किया गया है। आरोप लगाया गया है कि प्रधान के साथ ही, अच्छी खासी दुकान होने के बावजूद पिता के आय के रूप में सुनीता की आय महज 42 हजार दशाई गई है। जब उसने इसकी शिकायत डीपीओ से की तो उन्होंने तहसीलदार से मिलकर शिकायती पत्र सौंपने की सलाह दी।
आरोप: आय प्रमाण पत्र निरस्तीकरण में भी किया जा रहा बड़़ा खेलः
आरोप है कि शिकायत सौंपने पर लेखपाल द्वारा कहा गया है कि दोनों अभ्यर्थियों का प्रमाणपत्र निरस्त किया जाएगा। इसके बाद लेखपाल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, दोनों के आय प्रमाणत्र निरस्तीकरण का मूल और संशोधित आदेश भी जारी किया गया। आरोप है कि एक तरफ तो आय प्रमाणपत्र निरस्तीकरण आदेश जारी किया गया। वहीं, दूसरी तरफ विभागीय पोर्टल से सिर्फ शिकायतकर्ती के ही आय प्रमाणपत्र क्रमांक को डिलीट किया गया। दावा किया गया है कि छत्तीसगढ़ में चार वर्ष पूर्व ब्याही जा चुकी महिला का आयप्रमाण निरस्तीकरण के बाद भी विभागीय वेबसाइट पर वैध बता रहा है। पीड़ित के मुताबिक प्रकरण को लेकर मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी को संबोधित शिकायती पत्र एडीएम को सौंपा, जिस पर जांच के निर्देश जारी किए गए हैं।