Sonbhadra News: परमिट फर्जीवाड़े का मिल सकता है सियासी कनेक्शन, सामने आई जानकारियों ने बढ़ाई जिम्मेदारों की टेंशन
Sonbhadra News: चर्चाओं की मानें तो फर्जी परमिट से जुड़ा यह रैकेट, लंबे समय से संचालित है। दावा किया जा रहा है कि इस रैकेट से जुड़े एक व्यक्ति/आरोपी की चंद सालों में ही, पूरी दुनिया बदल गई।;
परमिट फर्जीवाड़े का मिल सकता है सियासी कनेक्शन (photo: social media )
Sonbhadra News: सोनभद्र से मिर्जापुर तक फैले पाए गए खनिज परिवहन के परमिट फर्जीवाड़े के तारों का जुड़ाव कथित सियासतदारों से होने की चर्चा ने हड़कंप की स्थिति बनानी शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच के बाद सामने आए तथ्यों पर जिन 10 आरोपियों के खिलाफ खनन महकमे की तरफ से नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, उसमें एक आरोपी का, एक बड़े सियासी व्यक्ति से गहरा नाता बताया जा रहा है। आरोपी के भाई की भी, सत्तापक्ष के सियासी जगत में गहरी पैठ होने की चर्चा में है। ऐसे में परमिट फर्जीवाड़े की जांच, आगे चलकर सियासी कनेक्शन से भी जुड़ती नजर आएगी? इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
लंबे समय से चल रहा रैकेट, अब जाकर पड़ी नजर
चर्चाओं की मानें तो फर्जी परमिट से जुड़ा यह रैकेट, लंबे समय से संचालित है। दावा किया जा रहा है कि इस रैकेट से जुड़े एक व्यक्ति/आरोपी की चंद सालों में ही, पूरी दुनिया बदल गई। दावा किया जा रहा है कि कथित रैकेट से जुड़े व्यक्ति की पहचान जहां, कुछ साल पूर्व महज एक खदान से जुड़े कथित मुंशी/कर्मी की थी। उसकी पहचान अब, इलाके के बड़े बिजनेसमैन और सियासत में बड़ी रसूख रखने वाले लोगों से गहरे ताल्लुक रखने वाले व्यक्ति के रूप में हो चुकी है। चर्चाओं में दावा किया जा रहा है कि मौजूदा समय में, इस रैकेट से जुड़े कुछ लोग लगभग डेढ़ दर्जन पत्थर की खदानों-क्रशर प्लांटों का संचालन करने में जुटे हुए हैं।
ऐसे सामने आया था फर्जीवाड़े का यह खेल
ब्ताते चलें कि गत 30 मार्च को ज्येष्ठ खान अधिकारी शैलेंद्र सिंह की तरफ से खनिज जांच के दौरान एक वाहन को फर्जी परमिट पर परिवहन करते पकड़ा गया था। प्राथमिक जांच में फर्जीवाड़े और इसको लेकर बड़ा रैकेट संचालित होने की बात सामने आने के बाद, वाहन पकड़े जाने के छह दिन बाद ज्येष्ठ खान अधिकारी की तरफ से राबटर्सगंज कोतवाली में 10 के खिलाफ नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
पूर्व में मिर्जापुर से जुड़ा मिला था हेराफेरी का कनेक्शन
बताते चलें कि इससे पहले, ज्येष्ठ खान अधिकारी आशीष कुमार के कार्यकाल के समय चोपन से मिर्जापुर तक खान विभाग की आईडी हैक कर, एक्सपायर हो चुकी लाइसेंस अवधि का परमिट जारी करने का बड़ा मामला सामनें आया था। उस दौरान भी संबंधित रैकेट का सियासी कनेक्सन जुड़ने की चर्चा सामने आई थी। कुछ की गिरफ्तारी भी हुई। बाद में मामला ठंडा पड़ गया। अब इस मामले में पुलिस की जांच कहां तक पहुंचती है, इसको लेकर चर्चा बनी हुई है।