Sonbhadra News: पति के अवैध संबंधों से दुःखी होकर पत्नी ने दी थी जान, न्यायालय का फैसला-पति को भुगतनी होगी सात वर्ष की कठोर कैद
Sonbhadra News: प्रकरण साढ़े तीन वर्ष पूर्व कोन थाना क्षेत्र की रहने वाली अंजू देवी की हुई मौत से जुड़ा है। सत्र न्यायाधीश रविंद्र विक्रम सिंह की अदालत ने मंगलवार को मामले की सुनवाई की।;
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Sonbhadra News: पति के अवैध संबंधों से दुःखी होकर खुदकुशी के लिए विवश होने वाली पत्नी को लेकर न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। इसके लिए दोषी पाए गए पति को सात वर्ष के कठोर कैद के साथ ही, अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड की अदायगी न किए जाने पर, चार माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया है।
दोषी ने अपने आचरण से नहीं छोड़ रखा था कोई दूसरा विकल्पः कोर्ट
प्रकरण साढ़े तीन वर्ष पूर्व कोन थाना क्षेत्र की रहने वाली अंजू देवी की हुई मौत से जुड़ा है। सत्र न्यायाधीश रविंद्र विक्रम सिंह की अदालत ने मंगलवार को मामले की सुनवाई की। अधिवक्ता की तरफ से दी गई दलीलों, पत्रावली पर उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों और गवाहों की तरफ से परीक्षित कराए गए बयानों के आधार पर न्यायालय ने पाया कि दोषी ने अपना आचरण कुछ इस तरह खराब कर लिया था कि उस दशा में मृतका के सामने मौत के सिवाय कोई दूसरा विकल्प नहीं बन पाया। मामले में सात वर्ष की कठोर कैद के साथ ही पांच हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। अर्थदंड अदा न करने की दशा में चार माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया है। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अर्थदंड की पूरी धनराशि प्रकरण के वादी को प्रदान की जाएगी।
तीन बच्चों के पिता ने बनाए दूसरी महिला से संबंधः
अभियोजन कथानक के मुताबिक गढ़वा, झारखंड के अंतर्गत भवनाथपुर निवासी रामनारायन राम की तरफ से कोन थाने में तहरीर दी गई थी। इसके जरिए अवगत कराया गया था कि उसने अपनी बेटी अंजू देवी की शादी 26 अप्रैल 2014 को पवन कुमार पुत्र जमुना पासवान निवासी नेरुइयादमर, थाना कोन के साथ हिंदू रीति रिवाज के साथ की थी। दोनों के संयोग से तीन बच्चे भी पैदा हो गए। आरोप है कि इस बीच पवन का दूसरी लड़की से अवैध संबंध हो गया। एतराज करने पर अंजू के साथ मारपीट की जाने लगी।
घर लौटी पत्नी तो पति के साथ कमरे में मौजूद मिली दूसरी महिलाः
आरोपों के मुताबिक 11 नवंबर 2021 को जब अंजू घर लौटी तो देखा कि उसके पति के साथ, उसके कमरे में कोई दूसरी लड़की मौजूद है। आरोपों के मुताबिक एतराज पर उसके साथ मारपीट की गई। इस बात का उसे इस कदर आघात लगा कि उसने फंदे से लटककर जीवन लीला समाप्त कर ली। तहरीर पर कोन पुलिस ने धारा 306 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया और पर्याप्त सबूत मिलने की बात कहते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी।
सजा कम किए जाने की दलील की गई अस्वीकार:
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि अवैध संबंधों को लेकर आरोपी पक्ष की तरफ से कोई खास स्पष्टीकरण सामने नहीं आया है। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों और गवाहों की तरफ से परीक्षित कराए गए बयानों से स्पष्ट है कि दोषी ने मृतका के सामने ऐसी परिस्थितियां बना दी थीं कि उस दौरान उसे आत्महत्या के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं समझ आ पाया। बचाव पक्ष की तरफ से सजा कम से कम देने की मांग को भी अप्रासंगिक बताते हुए, न्यायालय ने सात वर्ष के कठोर कैद के साथ ही, पांच हजार अर्थदंड, अर्थदंड अदा न करने पर, चार माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई।