लखनऊः यूपीपीजीएमई की मेरिट लिस्ट को लेकर हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टरों की आंदोलन करते रहने की जिद मरीजों की जान पर भारी पड़ रही है। बुधवार को भी इलाज के इंतजार में सात और मरीजों ने दम तोड़ दिया। इनकी संख्या जोड़ दें तो बीते तीन दिन में डॉक्टरों की हड़ताल से अब तक 17 मरीजों की मौत हो चुकी है। बावजूद इसके हड़ताली डॉक्टर काम पर लौटने के लिए तैयार नहीं हैं।
हालात देखते हुए सीएमओ ने आज बैठक बुलाई है। वहीं, केजीएमयू के वीसी प्रो. रविकांत ने कहा है कि इस मामले में 1 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। वहां सरकार और केजीएमयू आंदोलनकारी छात्रों की ओर से रखी गई मांग पर अपनी राय रख सकते हैं।
किन मरीजों ने तोड़ा दम?
-ट्रॉमा सेंटर में दो महिलाओं की मौत हुई।
-वार्डों में दाखिल दो और बुजुर्ग महिलाओं और एक शख्स की भी जान चली गई।
-पांच नंबर वार्ड में एक मरीज ने और ट्रॉमा सेंटर से बलरामपुर भेजी गई महिला ने दम तोड़ा।
-इससे पहले दो दिन में 10 मरीज जान गंवा चुके हैं।
जरूरी सर्जरी तक नहीं हो रही
-हड़ताल की वजह से मरीजों की जरूरी सर्जरी भी नहीं हो रही है।
-ऐसे मरीज न्यूरोलॉजी, ऑर्थोपेडिक, यूरोलॉजी, कार्डियो वैस्कुलर और जनरल सर्जरी के हैं।
-सर्जरी में जूनियर डॉक्टरों को साथ रखा जाता है, ऐसा हो नहीं पा रहा है।
-कई मरीजों को हड़ताल खत्म होने के बाद आने के लिए कहा गया है।