एक दिन में बना दिये 98 टॉयलेट, लाभार्थियों के खाते में ‘भीम’ एप से तुरंत हो गया पेमेंट

Update: 2018-01-12 07:32 GMT

26 जनवरी तक मारहरा विधानसभा को बनाएंगे ओडीएफ : वीरेंद्र सिंह

राजकुमार उपाध्याय

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) मिशन की राह तकनीक ने आसान कर दी है। एटा के विधानसभा क्षेत्र मारहरा का नगला अकोली गांव इसका गवाह बना। एक ही दिन में इस गांव में 98 शौचालय बने और गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया गया।? ‘भीम’ एप से सभी लाभार्थियों को खाते में धनराशि स्थानान्तरित की गई। जिसने इस काम को और आसान बना दिया। अब क्षेत्रीय विधायक वीरेंद्र सिंह लोधी ने अपनी विधानसभा के सभी गांवों को 26 जनवरी तक ओडीएफ घोषित करने की ठानी है।

विधायक के मुताबिक अब स्वच्छ भारत? मिशन (ग्रामीण) की सक्सेस स्टोरी में एटा के मारहरा विधानसभा क्षेत्र के नगला अकोली गांव की कहानी भी शामिल होगी। मिशन की तरफ से इसे मंजूरी मिल गई है। उनसे काम से जुड़ी कुछ और जानकारियां मांगी गई हैं। यह काम देश भर के ग्रामीणों के लिए यह प्रेरणा का काम करेगी। ‘अपना भारत’ से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि जब उन्हें इस बात का पता चला कि गांव में शौचालय नहीं है तो उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से बात की। उनकी पहल पर गांव को ओडीएफ बनाने के लिए ग्रामवासी भी एक साथ उठ खड़े हुए। फिर क्या था 500 आबादी वाले इस गांव के प्रधान राजवीर को सामानों की सूची दी गई जो उन्हें ग्रामीणों को उपलब्ध करानी थी।

सामानों की सूची में ईंट, सीमेंट, बालू, गिट्टी, रूलर पैन, पाइप और दरवाजे शामिल थे। अगले दिन ब्लाक के प्रशिक्षित राज मिस्त्रियों और सफाई कर्मचारियों की बैठक बुलाई गई। उसी समय तय हुआ कि लाभार्थी के खाते में भीम एप के जरिए सीधे धनराशि स्थानान्तरित की जाएगी। इस प्रक्रिया ने काम को और आसान बना दिया। काम शुरू होने के एक दिन पहले ही लाभार्थियों ने सोख्ता तैयार रखा। इसके अगले दिन दस दिसम्बर को सबसे पहले गांव में हवन पूजन कर शौचालयों के निर्माण की शुरुआत की गई। सामान्यत: जो भी शौचालय लाभार्थी द्वारा बनाया जाता है, उसकी आनलाइन फीडिंग की जाती है। इसमें 10 से 15 दिन का समय लगता है, पर उस दिन सारे शौचालयों की एमआईएस फीडिंग तत्काल कर दी गई। लाभार्थियों के खाते में आनलाइन छह हजार रुपये का भुगतान भी कर दिया गया। सांसद राजवीर सिंह, विधायक वीरेंद्र लोधी, डीएम अमित किशोर ने हवन में आहुतियां दीं और फिर गांव को खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया।

शौचालय का नाम ‘इज्जत घर’ : विधायक वीरेंद्र सिंह का कहना है कि शौचालय बनने के बाद ग्रामीणों की खुशी का ठीकाना नहीं था। हर शौचालय का नाम ‘इज्जत घर’ रखा गया। इसी से समझा जा सकता है कि यह शौचालय उनके लिए कितना महत्व रखते हैं। हर शौचालय के लिए रंगीन दरवाजे मंगाए गए थे। हर दरवाजे पर ‘इज्ज्त घर—दरवाजा बंद तो बीमारी बंद’ लिखा था। जिस दिन गांव में शौचालय बन रहे थे। उस दिन किसी के घर चूल्हा नहीं जला बल्कि पूरे दिन ग्रामीण इसी काम में जुटे रहे। सभी ने अपने सामथ्र्य के अनुसार चावल, सब्जियां आदि गांव के खिचड़ी भोज में दी और काम पूरा होने के बाद गांव वालों ने एक साथ भोज किया।

नेत्रहीन ससुर ने बकरियां बेच बनवाया शौचालय : मारहरा ब्लाक के रामई गांव में सुरेश के भतीजे की शादी गांव धुआई की शिवानी से हुई थी। जब वह ससुराल आई तो वहां शौचालय नहीं था। बहू ने शौच के लिए बाहर जाने से इनकार कर दिया। उसने पति से अपने मन की बात कही पर आर्थिक हालात सही नहीं होने की वजह से जब पति ने उसकी बात अनसुनी कर दी तो शिवानी ने ससुर से शौचालय बनवाने की मांग की। वह भी तंग हालत में थे, बहु की इच्छा पूरी करने के लिए उन्होंने रिश्तेदारों और पड़ोसियों से मदद मांगी पर जब कहीं से मदद नहीं मिली तो उन्होंने अपनी दो बकरियां 12 हजार में बेच दी और अपने घर शौचालय बनवाया। जब यह बात विधायक वीरेंद्र सिंह लोधी को पता चली तो उन्होंने सुरेश को खरीदकर दो बकरियां दी।

सांसद और विधायक ने किया श्रमदान : इस योजना को जमीन पर उतारने में कुल 201 अनुभवी लोगों ने मिलकर काम किया। इसमें 98 प्रशिक्षित राजमिस्त्री, 78 सफाई कर्मी और नौ सचिव साथ मिलकर काम कर रहे थे। सांसद एटा राजवीर सिंह और विधायक मारहरा वीरेंद्र सिंह लोधी ने गांव की सफाई और शौचालय निर्माण में श्रमदान दिया।

नाई को गिफ्ट करेंगे शेविंग किट : विधायक वीरेंद्र सिंह का कहना है कि उन्होंने सडक़ के किनारे बैठकर नाई से शेविंग कराई ताकि लोगों में समानता का भाव आए। उनका कहना है कि उनकी मारहरा विधानसभा के सभी नाईयों को शेविंग किट और मोचियों के उपयोग में आने वाली किट उन्हें गिफ्ट करने की योजना है।

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