सभाजीत का CM योगी पर हमला, सरकार की नाकामी ने किसानों का जीना किया दूभर

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ये कहते नहीं थक रहे है कि प्रदेश में किसानों की फसल की खरीद नियमित रूप से हो रही है। लेकिन योगी जी के इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है।

Update: 2020-12-03 17:22 GMT
सभाजीत का सीएम योगी पर हमला, सरकार की नाकामी ने किसानो का जीना किया दूभर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ये कहते नहीं थक रहे है कि प्रदेश में किसानों की फसल की खरीद नियमित रूप से हो रही है। लेकिन सीएम योगी के इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है। प्रदेश भर से आ रही खबरें बता रही है की हैडलाइन मैनेजमेंट के महारथी आदित्यनाथ किसानो की दुःख और तकलीफो से कितने बेखबर है| ये कहना है आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह का।

कम दामों में फसल बेचने की समस्या

उन्होंने कहा की अब तक प्रदेश के किसानों के सामने कम दामों पर फसल बेचने की समस्या थी, लेकिन अब किसानों से धान बेचने की ही समस्या से दो चार होना पड़ रहा है| प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार प्रदेश के किसानों को तकलीफ पहुंचाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते है। अभी तक किसानों के अनाज कम दामों पर खरीदा जा रहा था लेकिन अब स्थिति ऐसी हो गई है कि किसानों के फसल की खरीद नहीं हो पा रही है। केंद्रों पर कहीं बोरा का अभाव तो कुछ केंद्रों पर नमी व कंकड़ दिखाकर किसानों को लौटा दिया जा रहा है, तो कई जगहों पर ट्रांसपोर्ट सेवा का आभाव है।

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उन्होंने प्रदेश के कुछ जिलों का उदाहरण देते हुए कहा कि महराजगंज जिले क्रय केंद्रों पर अभी तक महज 18 फीसद ही धान की खरीद हो सकी है। मीरजापुर में 62 क्रय केंद्रों पर धान का निर्धारित लक्ष्य का मात्र 3.76 फीसद धान खरीद हो पाया है। हरदोई में ट्रांसपोर्टेशन की दिक्कत के चलते समय से किसानों का धान नहीं उठ पा रहा है, जिसकी वजह से किसान कड़ाके की सर्दी में खुले आसमान में अपना धान बचाने में लगे है।

मज़बूरी में बेच रहे कम कीमतों में अनाज

कानपुर देहात में कई ऐसे किसान परिवार के लोग है जनके घर शादियां है लेकिन क्रय केंद्रों पर फसल की खरीद ना होने की वजह से मजबूरी में कम कीमतों पर अपना अनाज बेचने के लिए किसान मजबूर है। कुशीनगर में शासन की ओर से कृषि उपज की खरीद बिचौलियों से मुक्त करने का अभियान चलाया जा रहा है। इसके बावजूद भी किसान बिचौलियों के हाथ धान बेचने को मजबूर हैं। मऊ जिले में हीलाहवाली करने की वजह से किसानों को बाजार में 13 रुपये प्रति किलोग्राम अपनी उपज बेचने के लिए विवश हो रहे हैं। वहां भी मात्र 12.33 फीसद ही खरीद हो पाई है। बदाऊ जिले में क्रय क्रेंदों द्वारा दी गई तारीख पर जाने के बावजूद किसानों का फसल नहीं खरीदा जा रहा है।

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उन्होंने कहा सरकार की इन सब नाकामियों के चलते किसानो के सामने बिचौलियों के हाथो में अपनी फसल देने के अलावा क्या चारा रह जाता है| इन सब के अलावा उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों पर ऐसे मामले सामने आये है जहां सरकार द्वारा दिए गए धान खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं हो पया। डेढ़ माह बाद भी केंद्रों में व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हो सकी हैं। इससे किसानों को धान बिक्री के लिए कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ज्यादातर ऐसे किसान हैं जो कर्ज लेकर इलाज कराते है, बच्चों की पढ़ाई लिखाई या फिर घर में किसी की शादी होने पर कर्ज लेते रहे है। किसान अब तक फसल बेचकर कर्ज चुकाने की उम्मीद कर रहे है लेकिन यहां भी इन्हें निराशा ही मिल रही है।

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