एक विवाह आरती-अवधेश का: देश के लिए बना मिसाल, इलाज के खर्च से जूझ रहा जोड़ा

जोड़ियां ऊपर आसमान में बनती हैं यह मानते हुए अवधेश ने लगभग अपाहिज हालत में बिस्तर पर पड़ी आरती से विवाह तो कर लिया है लेकिन ऊपरवाले के फैसले को निभाने में उसे पहाड़ जैसी आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है। प्रतापगढ़ के सिरुहारी गांव में रहने वाले अवधेश के सिर पर पिता का साया नहीं है।

Update:2020-12-19 17:32 IST
आरती के इलाज के लिए अवधेश ने अपना छोटा सा खेत भी गिरवी रख दिया है। उसने बताया कि मौर्य बिरादरी का होने की वजह से उन लोगों के पास खेती भी ज्यादा नहीं है।

प्रतापगढ़: हर अच्छे व्यक्ति की परीक्षा वक्त भी सबसे ज्यादा लेता है, ऐसा ही प्रतापगढ़ के अवधेश के साथ हो रहा है जिसने हादसे में रीढ़ की हड्डी में चोट खाने वाली लड़की से विवाह करने का फैसला किया और आज अस्पताल में इलाज कराने के लिए उसे दर-दर भटकना पड़ रहा है। नवविवाहिता के इलाज पर अब तक एक लाख तीस हजार रुपये खर्च कर चुके अवधेश को डॉक्टरों ने बताया है कि इलाज व ऑपरेशन पर चार से पांच लाख रुपये खर्च करने होंगे। विवाह से पहले फरीदाबाद में नौकरी तलाशने गए अवधेश को समझ में नहीं आ रहा है कि जिस लडक़ी से उसने विवाह रचा लिया है अब बेरोजगारी की हालत में उसका इलाज पूरा कैसे कराए?

जोड़ियां ऊपर आसमान में बनती हैं

जोड़ियां ऊपर आसमान में बनती हैं यह मानते हुए अवधेश ने लगभग अपाहिज हालत में बिस्तर पर पड़ी आरती से विवाह तो कर लिया है लेकिन ऊपरवाले के फैसले को निभाने में उसे पहाड़ जैसी आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है। प्रतापगढ़ के सिरुहारी गांव में रहने वाले अवधेश के सिर पर पिता का साया नहीं है। मेहनत-मजदूरी करते हुए स्नातक की शिक्षा हासिल की तो विवाह से पहले नौकरी की तलाश में फरीदाबाद तक घूम आया।

भतीजे को तो बचा लिया, लेकिन छत से नीचे गिर गई

बेरोजगारी के इस दौर में उसका विवाह भी जिस युवती, आरती के साथ तय हुआ वह ऐन विवाह वाले दिन ही हादसे में अपनी उठने-बैठने की शक्ति खो चुकी है। घर की छत पर खेल रहे भतीजे को नीचे गिरने से बचाने की कोशिश में आरती ही छत से नीचे गिर गई और उसकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आ गई है। वह बिस्तर पर है और अस्पताल में भर्ती है।

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घटना के बाद छोटी बहन से विवाह का प्रस्ताव ठुकराया

विवाह से पहले हालांकि आरती के परिवारीजनों ने अवधेश के सामने प्रस्ताव किया कि वह घायल हो चुकी आरती के बजाय उसकी छोटी बहन से विवाह कर ले लेकिन अवधेश ने कहा कि जब ऊपरवाले ने रिश्ता आरती के साथ तय किया है तो वह विवाह उसी के साथ करेगा। ऊपरवाले ने अवधेश का रिश्ता तो आरती के साथ तय कर दिया लेकिन अब निभाना उसे पड़ रहा है और इस रिश्ते को निभाने में सबसे बड़ी चुनौती डॉक्टरों की फीस और अस्पताल के खर्चे की आ रही है।

आरती-अवधेश ने दिखाया समाज को आइना

कहते हैं जोड़ी ऊपरवाला बनाता है, पर उसे निभाना नीचेवाले को ही पड़ता है। आज के दौर में जब बड़े से बड़े रिश्ते पैसों के आगे बिखर रहे हैं तब एक बेहद सामान्य से परिवार में बिना पिता के पले एक नौजवान ने जो खुद किडनी की बीमारी से और कर्जों से जूझ रहा हो एक ऐसी मिसाल पेश की है जो इस समाज को आइना भी दिखाती है।

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अवधेश, तीन भाइयों और दो बहनों में सबसे छोटा

अवधेश अपने घर में तीन भाइयों और दो बहनों में सबसे छोटा है। उसके दोनों भाइयों और बहनों की शादी हो चुकी है। भाई और माँ के साथ रहने वाले इस नौजवान पर ही घर चलाने की जिम्मेदारी है। घर में शादी की खुशियों की जगह इलाज की चिंता ने ले ली है फिर भी अवधेश का मानना है कि वो इन सबका मुकाबला कर लेगा। हालांकि अब तक किसी भी तरह की कहीं से कोई मदद नहीं मिली है।

प्रयागराज के अस्पताल में भर्ती है आरती

प्रयागराज के जिस अस्पताल में आरती भर्ती है, वहां उसके इलाज पर पिछले एक हफ्ते के दौरान एक लाख तीस हजार रुपये खर्च हो चुके हैं। अवधेश ने आधा से ज्यादा पैसा कर्ज लेकर जुटाया है लेकिन अब उसके रिश्तेदार भी और मदद करने की स्थिति में नहीं हैं। वैसे तो अवधेश प्रतापगढ़ के उस कुंडा क्षेत्र से आता हैं जहां राजा से लेकर कई सारे बड़े राजनेता रहते हैं। सरकारों में मंत्री रहे हैं लेकिन अवधेश की मदद करने के लिए कोई नहीं पहुंच सका है।

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आर्थिक संकट से जूझ रहा असली विवाह का असली नायक

सोशल मीडिया पर भी अवधेश के फैसले की जमकर सराहना हो रही है। अवधेश का कहना है कि अगर सरकार उसकी पत्नी के इलाज में मदद कर दे तो मुमकिन है ऊपरवाले की बनाई जोड़ी कामयाब हो जाए। अवधेश ने कहा कि लोग उसे विवाह फिल्म का असली नायक बता रहे हैं लेकिन आर्थिक संकट ने उसे बेहद कमजोर बना दिया है।

रिपोर्ट- विशाल ओझा, प्रतापगढ़

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