अब अफजाल ने सपा को ललकारा, कहा पूर्वांचल में औकात याद दिला दूंगा

Update: 2016-06-28 08:18 GMT

लखनऊ: कौमी एकता दल के अध्यक्ष अफजाल अंसारी ने सपा को ललकारते हुए कहा है कि अब वह पूर्वांचल में सपा को उसकी औकात याद दिला देंगे। अफजाल ने सपा पर धोखेबाजी का आरोप लगाते हुए कहा कि मुलायम सिंह ने खुद उनसे अपनी पार्टी का समाजवादी पार्टी में विलय करने को कहा था। लेकिन अखिलेश की हठ के सामने झुक कर मुलायम सिंह ने उनसे धोखा किया और उनका अपमान किया। अफजाल ने कहा कि सपा-बसपा अपने लाभ के लिए मुख्तार को कभी माफिया और कभी मसीहा कहते रहे हैं।

कौमी एकता दल के अध्यक्ष अफजाल अंसारी ने सपा को ललकारा

धोखेबाजी का आरोप

-अफजाल ने कहा कि इससे पहले भी सपा और बसपा मुख्तार अंसारी का इस्तेमाल कर चुकी हैं।

-अपने लाभ के लिए मुख्तार को माफिया और मसीहा कहने में इन्हें कोई गुरेज नहीं रहा है।

-सपा ने चुनावी ब्रांडिंग के लिए जानबूझ कर विलय का ड्रामा किया और रणनीति बना कर धोखा दिया।

-यह सिर्फ धोखा ही नहीं बल्कि कौमी एकता दल के समर्थकोंं का अपमान है, जिसे पूर्वांचल की जनता कभी नहीं भूलेगी।

मुलायम ने की थी पहल

-अफजाल अंसारी ने कहा कि प्रदेश के मंत्री बलराम सिंह और अंबिका चौधरी ने मुलायम सिंह के कहने पर उनसे संपर्क किया था।

-इस सिलसिले में उनकी शिवपाल सिंह से बातचीत हुई थी।

-11 जून को मुलायम सिंह ने उन्हें अपने आवास पर बुलाया था।

मुलायम सिह पर धोखेबाजी का आरोप (फाइल फोटो)

पुराने रिश्ते याद दिलाए थे

-मुलायम सिंह ने उनसे कहा था कि हम सब एक ही परिवार के लोग हैं, और आप दोनों भाई कभी सपा के झंडे पर चुनाव लड़ चुके हैें, संसद भी जा चुके हैं।

- 2017 के चुनाव की चुनौतियां सामने हैं, इसलिए अब अपने पुराने घर में लौट आइए।

-सांप्रदायिक शक्तियों को रोकने और वोटों के बंटवारे को रोकने के लिए हमारा एक होना जरूरी है।

-लेकिन बाद में अपने बेटे और मुख्यमंत्री अखिलेश के हठ के आगे झुकते हुए 25 जून को सपा संसदीय बोर्ड की बैठक में खुद मुलायम सिंह अपने फैसले से पलट गए।

-अफजाल अंसारी ने कहा कि शिवपाल अपने भाई मुलायम सिंह को उसी तरह आराध्य मानते हैं, जैसे हनुमान भगवान राम को। लेकिन इस भक्ति की कोई कदर नहीं है।

लखनऊ में पत्रकारों के सामने अफजाल ने सपा को ललकारा

पहले भी किए हैं राजनीतिक धोखे

-अफजाल ने यह भी कहा कि मुलायम सिंह इसी तरह शरद यादव और लालू यादव को धोखा दे चुके हैं।

-बिहार विधानसभा चुनाव के समय लालू और नीतीश सपा में विलय के लिए तैयार थे, लेकिन यादव सिंह मामले में फंसे मुलायम परिवार ने बिहार में बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए विलय से इनकार किया था।

-हाईकोर्ट ने जब यादव सिंह मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया और सीबीआई का हाथ सरकार के आकाओं के गिरेबान की तरफ बढ़ा तो अखिलेश की हठ के आगे मुलायम झुक गए और शरद और लालू यादव को धोखा दे दिया।

 

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