Agra Crime Video: दोस्त-दोस्त ना रहा! आगरा के धोखेबाज सिपाही की कहानी, कभी घर तो कभी बीमारी के नाम पर किया ऐसा

Agra Crime Video: आगरा पुलिस लाइन में तैनात सिपाही के खिलाफ फ़ायर स्टेशन में तैनात कुक ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। सिपाही और उनसे बेटे पर 9 लाख रुपये की ठगी करने का आरोप लगाया गया है।

Update:2023-04-10 00:17 IST

Agra Crime Video: खाकी की न दोस्ती अच्छी, न दुश्मनी, कहने को ये सिर्फ कहावत है। लेकिन खाकी पहनने वाले कुछ लोग अक्सर इस कहावत पर मुहर लगा देते हैं। अपने ही दोस्त के साथ दगा कर देते हैं। आगरा पुलिस लाइन में तैनात सिपाही के खिलाफ फ़ायर स्टेशन में तैनात कुक ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। सिपाही और उनसे बेटे पर 9 लाख रुपये की ठगी करने का आरोप लगाया गया है।

बेटी की शादी की दुहाई देकर मांगे रूपए

जानकारी के मुताबिक मामला थाना क्षेत्र शाहगंज का है। थाने में की गई शिकायत में पीड़ित गजेंद्र सिंह ने बताया कि वो फ़ायर स्टेशन संजय प्लेस के कुक के पद पर तैनात है। वो वर्ष 1990 से आगरा में तैनात है। ईदगाह स्थित सरकारी आवास में निवास करता है। उनके आवास से कुछ दूरी पर आरोपी सीताराम तोमर का आवास है। गजेंद्र के मुताबिक पड़ोस में रहने के कारण दोनों परिवारों के बीच घनिष्ठ संबंध हो गए। गजेंद्र के मुताबिक वर्ष 1998 में सीताराम तोमर ने अपनी बेटी की शादी की। आर्थिक परेशानियों का हवाला देते हुए गजेंद्र सिंह से मदद मांगी। गजेंद्र सिंह ने अपने दोस्त की मदद की। बेटी की शादी के लिए 3 लाख रुपये की उधारी अपने दोस्त सीताराम तोमर को दे दी।

बीमारी में भी की आर्थिक मदद

दो साल तक गजेंद्र अपने दोस्त सीताराम से उधारी के रुपये वापस मांगता रहा। लेकिन सीताराम बहाने बनाकर उसे टालता रहा। फिर अचानक सीताराम तोमर की तबीयत खराब हो गई। गजेंद्र से उसकी हालत देखी नहीं गई। दोस्ती का फर्ज निभाते हुए गजेंद्र ने सीताराम तोमर को ₹1 लाख और उधार दे दिए। सीताराम तोमर की तबीयत में सुधार हुआ तो गजेन्द्र सिंह ने उधारी के रुपये वापस मांगे। इस पर सीताराम ने उन्हें रुपये वापसी के बदले प्लाट दिलाने का वादा कर दिया।

प्लॉट दिलाने के नाम पर ऐंठी रकम

रूपए वापस मांग रहे दोस्त को आरोपी ने इसके बदले में मलपुरा क्षेत्र में 300 वर्ग गज का प्लॉट दिखाया। प्लॉट की कीमत 9 लाख रुपये बताई। कहा कि साढ़े पांच लाख रुपये और दे दो तो प्लॉट का बैनामा तुम्हारे नाम से कर दूंगा। गजेंद्र ने दोस्त सीताराम की बात में आकर उन्हें रुपये का भुगतान कर दिया। लेकिन अबतक गजेंद्र को न तो प्लॉट मिल पाया है, ना ही उधारी की रकम। ऐसे में परेशान हो चुके गजेंद्र ने अपने सिपाही दोस्त सीताराम तोमर और उसके बेटे मोहित तोमर के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करा दिया है। फिलहाल रकाबगंज पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।

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