Agra News: आगरा मेट्रो की ‘मुंहदिखाई’ की रस्म, पहले कोच की हुई पूजा-अर्चना

Agra News: ट्रक में लदकर मेट्रो ट्रेन आगरा पहुंच गई है, पूजा अर्चना के बाद विधि-विधान से इसको खड़ा किया गया है। मेट्रो रूट का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है।

Report :  Rahul Singh
Update:2023-03-06 16:01 IST

मेट्रो ट्रेन की पूजा करते हुए

Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा को उसकी मेट्रो ट्रेन की पहली झलक मिल गई है। ट्रक में लदकर मेट्रो ट्रेन आगरा पहुंच गई है, पूजा अर्चना के बाद विधि-विधान से इसको खड़ा किया गया है। मेट्रो रूट का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। मेट्रो ट्रेन का इंजन मेक इन इंडिया के तहत गुजरात में तैयार किया गया है। अत्याधुनिक मेट्रो ट्रेन पूर्ण रूप से स्वचालित ट्रेन है। ड्राइवर का काम सिर्फ इसको गंतव्य स्टेशन पर रोकना और गेट खोलने का होगा। लखनऊ और कानपुर में मेट्रो सुविधा के बाद मेट्रो की पहली रैक आगरा पहुंच गई है। अगले साल के फरवरी महीने में मेट्रो ट्रेन पटरियों पर दौड़ती दिखाई देगी।

आगरा मेट्रो में होंगी ये 10 खूबियां

यूपी मेट्रो के एमडी ने बताया कि आगरा मेट्रो में एक बार में 974 यात्री सफर कर सकेंगे। साथ ही ट्रेनों की रफ्तार 80-90 किमी प्रति घंटा तक होगी। आगरा मेट्रो ट्रेनें आधुनिक फायर और क्रैश सेफ्टी युक्त डिजाइन की गई हैं। प्रत्येक मेट्रो ट्रेन में 24 सीसीटीवी कैमरे होंगे, इससे घटना का बचाव करने में सहायता मिलेगी। इनकी फुटेज ट्रेन आपरेटर और डिपो में बने सिक्योरिटी रूम में पहुंचेगी। प्रत्येक ट्रेन में 56 यूएसबी चार्जिंग प्वाइंट और 36 एलसीडी पैनल्स भी होंगे। मेट्रो ट्रेनों में टाक बैक बटन की सुविधा भी दी गई है, जिससे इमरजेंसी कंडीशन में यात्री ट्रेन आपरेटर से बात कर सकें। ऑटोमेटिक मेट्रो ट्रेन (Automatic Metro Train) आपरेशन के तहत ये ट्रेनें संचारित आधारित ट्रेन नियंत्रण प्रणाली से चलेंगी। वायु प्रदूषण कम करने को ट्रेनों में मार्डन प्रापल्सन सिस्टम होगा। सभी ट्रेनों को रीजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस किया गया है, ताकि ब्रेक लगाए जाने से उत्सर्जित 45 फीसद ऊर्जा को फिर से इस्तेमाल किया जा सके। ट्रेनों में कार्बन-डाई-आक्साइड सेंसर आधारित एयर कंडीशनिंग सिस्टम भी दिया गया है, जो ट्रेन में मौजूद यात्रियों की संख्या के हिसाब से चलेगा और ऊर्जा की बचत करेगा। मेट्रो का बुनियादी ढांचा बेहतर और सुंदर दिखाई दे, इसके लिए मेट्रो ट्रेनें तीसरी रेल से ऊर्जा प्राप्त करेंगी, ताकि इसमें खंभों और तारों के सेटअप की आवश्यकता न पड़े।

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