Agara: 'खस्ताहाल' सरकारी स्कूल में एक कमरा और 108 बच्चे, कुछ क्लास में तो कुछ नीम पेड़ के नीचे पढ़ते

Primary School: उत्तर प्रदेश के आगरा में सरकारी एक स्कूल के हाल बदहाल है। आगरा में एक ऐसा प्राथमिक विद्यालय है। जहां सिर्फ एक कमरा और 108 छात्र यहाँ पढ़ने आते है। यह बात सैया के नगला तेजा गांव के प्राथमिक विद्यालय की।

Report :  Rahul Singh
Update:2022-09-17 10:58 IST

नीम के पेड़ के नीचे पढ़ते शिक्षक (न्यूज नेटवर्क)

Primary School in UP: उत्तर प्रदेश के आगरा में सरकारी एक स्कूल के हाल बदहाल है। आगरा में एक ऐसा प्राथमिक विद्यालय है। जहां सिर्फ एक कमरा है और 108 छात्र यहाँ पढ़ने आते है। बात हो रही है सैया के नगला तेजा गांव के प्राथमिक विद्यालय की। विद्यालय में कक्षा 1 से 5 तक की क्लास से संचालित की जाती है। स्कूल में पढ़ने वाले कुछ छात्र छात्राएं क्लास में बैठते हैं। तो कई सारे ऐसे भी हैं जिन्हें नीम के पेड़ के नीचे जमीन पर बैठकर पढ़ना पड़ता है। जो क्लास है भी उसमें बच्चों के साथ मिड डे मील का राशन रखा जाता है। परिसर में बना एक कमरा आंगनवाड़ी केंद्र का है। जिसे स्कूल के टीचर मान मनोबल करके बच्चों को पढ़ाने के लिए इस्तेमाल में ले रहे हैं। 

सरकारी विद्यालय हालात बेहद खराब हैं। विद्यालय की पुरानी बिल्डिंग बुरी तरह जर्जर हो चुकी है। पुरानी बिल्डिंग में ताला लगा हुआ है। पुरानी बिल्डिंग धराशाई होने की कगार पर है। परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। विद्यालय में कार्यरत प्रधानाध्यापक और टीचर कई बार बेसिक शिक्षा अधिकारी से गुहार भी लगा चुके हैं लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात रहा है। बिल्डिंग को गिराने के लिए पीडब्ल्यूडी ने ₹1लाख 30000 की बिड खोली है लेकिन कोई भी इस बिड पर विद्यालय का मलबा खरीदने को तैयार नहीं है। स्कूल में प्रधानाध्यापक इंद्र कुमार के साथ 3 टीचर पढ़ाने आते हैं।

नीम के नीचे जमीन पर लगती क्लास 

दो टीचर क्लास में पढ़ाते हैं जबकि प्रधानाध्यापक इंद्रकुमार नीम के पेड़ के नीचे बोर्ड पर अपनी क्लास लगाते हैं । बच्चे नीम के पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ते हैं । इंद्र कुमार भी नीम के नीचे रहकर बच्चों को पढ़ाते हैं । यह जर्जर इमारत प्राइमरी स्कूल की पुरानी बिल्डिंग की है । यहां जर्रे जर्रे से बिल्डिंग की बदहाली नजर आती है । हालातों से स्थानीय ग्रामीण परेशान हैं क्योंकि उनके बच्चे यहां पढ़ने आते हैं । 

बेहद खराब स्कूल तक जाने वाला रास्ता 

स्कूल तक जाने वाला रास्ता बेहद खराब है । उबड़ खाबड़ है । न्यूज टीम स्कूल पहुंची तो ग्रामीण भी पीछे-पीछे पहुंच गए । कहने लगे साहब हमारी भी सुन लो । स्कूल की हालत बेहद खराब है । बात स्कूल के प्रधानाध्यापक इंद्र कुमार से की गई तो उन्होंने भी कैमरे पर सच्चाई बयां की । प्रधानाध्यापक केंद्र कुमार ने बताया कि स्कूल की पुरानी बिल्डिंग बेहद खराब है । स्कूल के पास केवल एक कमरा है । एक कमरे में स्कूल चल रहा है । 3 क्लास के बच्चे एक क्लास में पढ़ते हैं । एक क्लास के बच्चों की नीम के नीचे क्लास लगती है ।

आंगनवाड़ी वालो से उधार ले रखा कमरा 

बच्चे क्लासरूम ना होने की वजह से जमीन पर बैठकर पढ़ते हैं । आंगनवाड़ी वालों से उन्होंने कमरा उधारी पर ले रखा है । आंगनवाड़ी वाले नहीं रहते तो वह बच्चों को क्लास रूम में पढ़ा लेते हैं । स्कूल में फर्नीचर तो है ही नहीं । क्लास हो या नीम का पेड़ बच्चों को नीचे जमीन पर बैठकर पढ़ना पड़ता है । प्रधानाध्यापक इंद्र कुमार ने बताया कि खुद बीएसए स्कूल का निरीक्षण कर चुके हैं लेकिन अब तक कोई सुधार नहीं हो पाया है। 

बिना ड्रेस और जूते के स्कूल पहुँचते बच्चे

इसके अलावा जब से डीबीटी की रकम सीधे बच्चो के अभिभावको के खाते में जाने लगी है । कई बच्चे बिना ड्रेस के स्कूल आते है । अधिकांश बच्चे चप्पल पहनकर स्कूल जाते है । स्कूल के हालात बेहद खराब है । देखना है हालातो में कबतक सुधार हो पाता है। 

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