Agra News: सरकार ने की वादाखिलाफी, पुलवामा शहीद की पत्नी नाराज, बैठी धरने पर

उत्तर प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी से नाराज पुलवामा हमले में शहीद कौशल किशोर रावत की पत्नी परिवार के साथ धरने पर बैठ गई है ।

Report :  Rahul Singh
Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-07-01 08:44 GMT

Agra News: उत्तर प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी से नाराज शहीद कौशल किशोर रावत की पत्नी परिवार के साथ धरने पर बैठ गई है । शहीद कौशल किशोर रावत की पत्नी ममता रावत का कहना है कि 2 साल पूरे होने पर भी सरकार ने किए गए वायदे पूरे नहीं किए हैं । सरकार ने शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई धनराशि अब तक शहीद के परिवार को नहीं दी है । अब तक गांव में लगी शहीद की प्रतिमा का अनावरण भी नहीं हो पाया है ।

बता दें कि करीब 1 सप्ताह पहले ममता रावत ने अपना वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था ।अपने बयान से सरकार और जिला प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया था । ममता रावत ने उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के आगरा दौरे पर भी सवाल उठाया । और कहा कि डिप्टी सीएम को उद्घाटन करने के लिए समय है । लेकिन शहीद के परिवार की सुध लेने की जहमत अब तक उपमुख्यमंत्री ने नहीं उठाई है । शहीद कौशल किशोर रावत की पत्नी ममता रावत ने दो टूक कहा कि अब जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाएंगी । वह अपना धरना खत्म नहीं करेंगे ।

धरने की सूचना मिलते ही मौके पर पहुँचे अधिकारी

शहीद कौशल किशोर रावत की पत्नी द्वारा शहीद स्मारक पर धरना दिए जाने की खबर मिलने के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं । अधिकारियों ने ममता रावत को मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया है । लेकिन ममता रावत ने साफ कह दिया है कि जब तक सरकार अपने सभी वायदे पूरे नहीं करेगी । उनका परिवार धरने से नहीं उठेगा ।

पुलवामा हमले में शहीद हुए थे आगरा के लाल कौशल किशोर रावत

आपको बता दें कि कहरई गांव के रहने वाले कौशल किशोर रावत पुलवामा हमले में शहीद हुए थे । कौशल किशोर रावत की शहादत के बाद सरकार और जिला प्रशासन ने कहरई गांव में शहीद स्मारक बनवाने के साथ सड़क और शहीद के नाम पर द्वार बनवाने का आश्वासन शहीद के परिवार को दिया था ।

ढाई साल में नही हो पाया है शहीद की प्रतिमा का अनावरण

करीब ढाई साल का समय बीतने के बाद भी अब तक ना तो स्मारक का काम पूरा हो पाया है । ना ही कहरई गांव में द्वार बन आया है । ना ही शहीद के नाम पर सड़क बन पाई है । ऐसे में शहीद के परिवार ने धरना देकर जिला प्रशासन की सच्चाई सामने ला दी है । देखना होगा यह मामला आगे क्या रंग दिखाता है । क्योंकि शहीद का परिवार अपने हक की लड़ाई के लिए आर पार तक लड़ने को तैयार है ।

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