योगी सरकार से साल भर लड़ते रहे लल्‍लू, मजबूत होती रही कांग्रेस

कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष अजय कुमार लल्‍लू को संगठन की बागडोर संभाले हुए एक साल हो चुका है। एक साल बाद की कांग्रेस के खाते में कई बदलाव दर्ज हो चुके हैं।

Update:2020-10-11 22:29 IST

अखिलेश तिवारी

लखनऊ। ठीक साल भर पहले जब कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्‍लू को प्रदेश अध्‍यक्ष की कुर्सी सौंपी गई तो ज्‍यादातर कांग्रेसी ही उनके चयन पर नाक-भौं सिकोडते दिखाई दिए। बगावती तेवर भी देखने को मिले लेकिन मजदूरों के जुझारूपन और आक्रोश भाव से लबरेज लल्‍लू ने कांग्रेस के कमजोर संगठन के बावजूद योगी सरकार को साल भर इस कदर परेशान किया कि अब कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ ही आम लोगों की भी कांग्रेस से उम्‍मीदें हजार गुना तक बढ गई हैं। एक साल पहले विधानसभा उपचुनाव में बमुश्किल प्रत्‍याशी तय करने वाली कांग्रेस साल भर बाद ही जब उपचुनाव समर में उतरने को तैयार है तो टिकट पाने के लिए कार्यकर्ता आपस में हाथापाई भी करने पर उतारू हैं।

अजय कुमार लल्‍लू का बतौर प्रदेश अध्‍यक्ष एक साल पूरा

कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष अजय कुमार लल्‍लू को संगठन की बागडोर संभाले हुए एक साल हो चुका है। एक साल बाद की कांग्रेस के खाते में कई बदलाव दर्ज हो चुके हैं। साल भर पहले जो कांग्रेस कभी धरना-प्रदर्शन का फैसला करने से पहले कई बार विचार-विमर्श करती थी और उसके नेता यह कहकर शांत हो जाते थे कि आम नागरिक अभी मोदी के जादू की गिरफ़त में है।

एक साल पहले कांग्रेश प्रदेश कार्यालय में पदभार ग्रहण करते अजय कुमार लल्लू

 

धरना-प्रदर्शन के बाद पुलिस की हिरासत में

वही कांग्रेस अब धरना-प्रदर्शन के बाद पुलिस की हिरासत में ईको गार्डन में मोमबत्‍ती जलाकर योगी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करती दिखाई देने लगी है। कांग्रेस में इस बदलाव की वजह पार्टी के प्रदेश अध्‍यक्ष अजय कुमार लल्‍लू का जुझारू तेवर है। अपने जीवन की शुरुआत मजदूरी से करने वाले लल्‍लू ने संघर्षों की राजनीति से पहचान बनाई है।

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प्रदेश अध्‍यक्ष के तौर पर अजय कुमार लल्‍लू के जुझारू तेवर

कुशीनगर के तमुकहीराज विधानसभा क्षेत्र में जिस तरह व‍ह आम लोगों के लिए बिजली- सिंचाई व अन्‍य मुद़दों पर संघर्ष करते रहे वही फार्मूला उन्‍होंने योगी सरकार के खिलाफ पूरे प्रदेश में लागू कर दिया। शाहजहां पुर का चिन्‍मयानंद दुष्‍कर्म कांड, उन्‍नाव का माखी दुष्‍कर्म कांड हो अथवा हिन्‍दू वादी नेता कमलेश तिवारी हत्‍याकांड।

हाथरस गैंगरेप पीडिता को इंसाफ दिलाने की लडाई में भी आगे

योगी सरकार को कटघरे में खडा करने का कोई अवसर उन्‍होंने जाने नहीं दिया। किसानों के मुद़दों पर जनजागरण शुरू करने के साथ ही कोरोना महामारी के दौरान योगी सरकार को प्रवासी मजदूरों की मदद करने के मुद़दे पर घेरने में कामयाब रहे। इस मामले में योगी सरकार ने उन्‍हें गिरफ़तार कर जेल भी भेजा और हाईकोर्ट से जमानत मिलने पर एक महीने बाद छूटे। हाथरस गैंगरेप पीडिता को इंसाफ दिलाने की लडाई में भी कांग्रेस प्रदेश की राजनीति में फ्रंट फुट पर दिखी और घर में नजरबंद रहने के बावजूद कांग्रेस अध्‍यक्ष अजय लल्‍लू ने योगी सरकार की रातों की नींद उडाए रखी।

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लगातार आंदोलन और जेल जाने का आलम यह रहा कि अब कांग्रेस कार्यकर्ता भी कहने लगे हैं कि उत्‍तर प्रदेश का शायद ही कोई पुलिस अधिकारी होगा जिसने एक साल के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष को हिरासत में न लिया हो। मध्‍यमार्गी राजनीति करने वाली कांग्रेस से सड़क पर उतरकर लाठी-डंडा खाने, जेल जाने की उम्‍मीद राजनीति के जानकार भी नहीं करते।

सरकार के खिलाफ जनता की आवाज बनकर तस्‍वीर बदली

पिछले 30 साल से कांग्रेस प्रदेश की सत्‍ता से बाहर है। कार्यकर्ताओं ने कभी सोचा भी नहीं कि सरकार के खिलाफ जनता की आवाज बनकर तस्‍वीर बदली जा सकती है लेकिन मजदूरों की तरह लडने वाले जज्बे को लेकर लल्‍लू ने कांग्रेसियों को भी जुझारू तेवर दे दिए हैं। ऐसे में आश्‍चर्यजनक नहीं होगा जब आने वाले दिनों में प्रदेश की राजनीति में भाजपा से कांग्रेस सीधे दो-दो हाथ करती दिखाई दे।

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